scriptहम वेतन के लिए काम करते हैं और सैनिक वतन के लिए काम करते हैं -कुमार विश्वास | Kumar Vishwas at Mody University during Foundation Day in laxmangarh | Patrika News

हम वेतन के लिए काम करते हैं और सैनिक वतन के लिए काम करते हैं -कुमार विश्वास

locationसीकरPublished: Jan 23, 2019 03:17:54 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

मोदी विवि के स्थापना दिवस समारोह का आगाज मंगलवार को हुआ। पांच दिवसीय समारोह के पहले दिन आयोजित कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास ने वीर रस, हास्य रस तथा करूण रस की विभिन्न कविताओं के माध्यम पूरे समारोह में समां बांधे रखा।

मोदी विवि के स्थापना दिवस समारोह का आगाज मंगलवार को हुआ। पांच दिवसीय समारोह के पहले दिन आयोजित कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास ने वीर रस, हास्य रस तथा करूण रस की विभिन्न कविताओं के माध्यम पूरे समारोह में समां बांधे रखा।

हम वेतन के लिए काम करते हैं और सैनिक वतन के लिए काम करते हैं

लक्ष्मणगढ़.

मोदी विवि के स्थापना दिवस समारोह का आगाज मंगलवार को हुआ। पांच दिवसीय समारोह के पहले दिन आयोजित कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास ने वीर रस, हास्य रस तथा करूण रस की विभिन्न कविताओं के माध्यम पूरे समारोह में समां बांधे रखा। विश्वास की ओर से प्रस्तुत होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो के माध्यम से शरद पर लडऩे वाले एक सैनिक की भावनाओं को चित्रण किया। विश्वास ने कहा कि सैनिक ही एक मात्र ऐसा कर्मचारी जो केवल वतन के लिए काम करता हैं, बाकी तो हम सब वेतन के लिए काम करते हैं।
उन्होंने राजस्थान के इतिहास का चित्रण करते हुए कहा कि जब भी देश की सरहद सिर मांगती हैं तो पहला सिर राजस्थान का होता है। उन्होंने राजस्थान व शेखावाटी की धरा को वीरता व शौर्य का नायाब उदाहरण बताया।


भारत में धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि अब भारत में ना फिर से गोधरा हो और ना इंसान ***** हो। विश्वास ने विश्व की अन्य सभी शक्तियों को ललकारते हुए कहा कि युद्ध की संभावना में सब देश जीते हैं सुन ले, युद्ध भी हैं-बुद्ध भी हैं, जिसे चाहे वो चुन ले। उन्होंने भारत के युवाओं की योग्यता का बखान करते हुए कहा कि यदि देश के सारे नेता महागठबंधन की बात को छोडकऱ इन युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक हो तो अमेरिका, जापान व चीन जैसी शक्तियां भी देश में निवेश के लिए तरसेगी। विश्वास ने भारत को विश्व में एकमात्र विविध संस्कृतियों वाला देश बताते हुए अपनी कविताओं के माध्यम से हरेक प्रांत की विशेषत को उल्लेखित किया।

विश्वास ने अपने चिर परिचित अंदाज में प्रस्तुत प्रेम की कविता कोई दीवाना कहता हैं, कोई पागल समझता हैं……पर धरती की बेचैनी तो बस बादल ही समझता है, ने समारोह में भरपूर तालियां बटोरी। इससे पहले सुबह के सत्र में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता वाटरमैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहुर डॉ राजेन्द्र सिंह ने अपने व्याख्यान के माध्यम से उपस्थित छात्राओं से जल संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में धर्मवीर भारती की ओर से लिखित अंधायुग नाटक का भी सफल मंचन किया गया। दोपहर के सत्र में मोदी स्कूल में सृजन प्रयास नामक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्री डॉ बी डी कल्ला, कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल, एसपी अमनदीप सिंह, सिविल न्यायाधीश रविकांत सोनी, मोदी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ राजेन्द्र प्रसाद मोदी, संस्थान के प्रेसीडेंट डॉ एम के मदान सहित बड़ी तादाद में प्रबुद्धजन, स्टाफ सदस्य, अभिभावक सहित बड़ी तादाद में संस्थान की छात्राएं उपस्थित थी।

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