भारत में धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि अब भारत में ना फिर से गोधरा हो और ना इंसान ***** हो। विश्वास ने विश्व की अन्य सभी शक्तियों को ललकारते हुए कहा कि युद्ध की संभावना में सब देश जीते हैं सुन ले, युद्ध भी हैं-बुद्ध भी हैं, जिसे चाहे वो चुन ले। उन्होंने भारत के युवाओं की योग्यता का बखान करते हुए कहा कि यदि देश के सारे नेता महागठबंधन की बात को छोडकऱ इन युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक हो तो अमेरिका, जापान व चीन जैसी शक्तियां भी देश में निवेश के लिए तरसेगी। विश्वास ने भारत को विश्व में एकमात्र विविध संस्कृतियों वाला देश बताते हुए अपनी कविताओं के माध्यम से हरेक प्रांत की विशेषत को उल्लेखित किया।
विश्वास ने अपने चिर परिचित अंदाज में प्रस्तुत प्रेम की कविता कोई दीवाना कहता हैं, कोई पागल समझता हैं……पर धरती की बेचैनी तो बस बादल ही समझता है, ने समारोह में भरपूर तालियां बटोरी। इससे पहले सुबह के सत्र में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता वाटरमैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहुर डॉ राजेन्द्र सिंह ने अपने व्याख्यान के माध्यम से उपस्थित छात्राओं से जल संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में धर्मवीर भारती की ओर से लिखित अंधायुग नाटक का भी सफल मंचन किया गया। दोपहर के सत्र में मोदी स्कूल में सृजन प्रयास नामक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्री डॉ बी डी कल्ला, कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल, एसपी अमनदीप सिंह, सिविल न्यायाधीश रविकांत सोनी, मोदी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ राजेन्द्र प्रसाद मोदी, संस्थान के प्रेसीडेंट डॉ एम के मदान सहित बड़ी तादाद में प्रबुद्धजन, स्टाफ सदस्य, अभिभावक सहित बड़ी तादाद में संस्थान की छात्राएं उपस्थित थी।