केस एक: हर परीक्षा में बिगड़ रहा बेरोजगारों का गणित
सीकर निवासी रीना कुमारी ने बताया कि पहले दिन का प्रश्न पत्र काफी सरल था। जबकि दूसरे दिन की परीक्षा का प्रश्न पत्र काफी कठिन था। चयन बोर्ड को नॉमलाईजेशन करना चाहिए। इससे पहले पटवारी व ग्रामसेवक की परीक्षा में ऐसा हुआ। इस वजह से कम तैयारी वाले अभ्यर्थी पास हो गए। सरकार को प्रश्न पत्र निर्धारण में एकरुपता के लिए एक्सपर्ट से चर्चा करनी चाहिए जिससे हर भर्ती में इस तरह की दिक्कतों को रोका जा सके।
केस दो: नया टॉपिक से की थी काफी तैयारी
अभ्यर्थी सुरेश चौधरी ने बताया कि चयन बोर्ड की ओर से परीक्षा से पहले सिलेबस जारी किया गया। इसमें शिक्षा मनोविज्ञान नया विषय जोड़ा गया। इस टॉपिक की सबसे ज्यादा तैयारी की। लेकिन एक भी सवाल नहीं पूछा गया। जबकि दूसरे टॉपिकों के सवाल बढ़ा दिए। चयन बोर्ड के बोनस अंक नहीं देने पर आंदोलन किया जाएगा।