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सीकर के सरपंच-ग्राम सेवक कुछ भी कर सकते हैं, करोड़ों की जमीन यूं कौड़ियों में बेच डाली

locationसीकरPublished: Jun 28, 2018 06:05:40 pm

Submitted by:

vishwanath saini

सीकर जिले में सरपंच व सचिवों ने मिलीभगत कर ग्राम पंचायतों की करोड़ों की आबादी भूमि को कौड़ियों में बांट दिया।

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सीकर जिले के गांवों में मिलीभगत का खेल पिछले दस वर्ष से चल रहा है। गांवों में सरपंच व सचिवों ने मिलीभगत कर ग्राम पंचायतों की करोड़ों की आबादी भूमि को कौड़ियों में बांट दिया। मामलों को खुलासा ग्राम पंचायत के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद हुआ। पिछले दस वर्ष में ऐसी करोड़ों की भूमि को कौड़ियों में बांटने की 30 शिकायतें मिली है।

यह शिकायतें जांच के लिए अब तक

पंचायती राज विभाग, लोकायुक्त, संभागीय आयुक्त एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के स्तर पर लंबित है। सरपंचों को कार्यकाल पूरा कार्मिक हो गए सेवानिवृत्त पंचायत राज व लोकायुक्त तथा संभागीय आयुक्त स्तर पर लंबित जांच पूरी नहीं होने के कारण कई पंचायतों में सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो गया तो कई जगह पंचायत प्रसार अधिकारी सहित जिम्मेदार कार्मिक सेवानिवृत्त हो गए है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि जिला परिषद स्तर से माह जुलाई-अगस्त में अभियान चलाकर ऐसी जांच पूर्ण की जाएगी। इसके अलावा दोषी सरपंच व सचिवों को उनके कार्यकाल में ही निलम्बित या बर्खास्त करवाने तथा सरकार को हुए नुकसान की वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

सचिवों को भी माना जाएगा

जिम्मेदार पंचायतों के सरपंचों का वर्तमान कार्यकाल (2015-20) के दौरान किसी भी स्तर पर भूमि निस्तारण एवं पट्टा जारी करने में हुई अनियमितताओं की तत्काल जानकारी उच्च अधिकारियों को देने तथा ऐसी कार्रवाई को सक्षम स्तर से निरस्त करवाने के लिए प्रत्येक सचिव पंचायत प्रसार अधिकारियोंं को जिम्मेदारी दी गई है।

सीकर जिले में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने आदेश जारी किए है कि पंचायत प्रसार अधिकारी के प्रभार में किसी भी ग्राम पंचायत में भूमि निस्तारण या पंचायत की परिसम्पतियों को बेचने में अनियमितता होती है तो इसके लिए सरपंच व सचिव के बराबर जिम्मेदार माने जाएंगे।

 

वसूली के लिए शुरू हुई कार्रवाई


पट्टे जारी करने में गड़बड़ करने तथा सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने के लिए पंचायतों के पूर्व सरपंचों के विरूद्ध वसूली तथा आगामी 6 साल के लिये निर्योग्य घोषित करने की कार्रवाई की जा रही है। जिसमें अभयपुरा (पिपराली), गुरारा (खण्डेला), करड़ ,बाय (दांतारामगढ़), मलिकपुर (खण्डेला़), जुराठडा (पिपराली़), गढटकनेत (श्रीमाधोपुर), दूधवालों का बास (खण्डेला) सहित 22 मामलों में शिकायतों पर प्रारम्भिक जांच की जा रही है।

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