बीएसएफ के जवान शहीद लोकेन्द्र सिंह को अंतिम विदाई देने पूरा शेखावाटी उमड़ा। खास बात यह है रही कि उनकी शवयात्रा में लोग हाथों में तिरंगा लेकर शामिल हुए। लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा, लोकेन्द्र सिंह तेरा नाम रहेगा आदि देशभक्ति नारों से आसमां गूंजा दिया।
उनके छह माह के बेटे दक्षप्रतात सिंह ने चिता को मुखग्रि दी। गांव के मोक्षधाम में उनका दाह संस्कार किया गया। छह माह के बेटे दक्ष प्रताप सिंह ने पिता की चिता को मुखाग्रि दी तो कोई आंसू नहीं रोक पाया।
भारतीय सेना व अद्र्ध सैनिक बलों में गांव के सैकड़ों जवान विभिन्न पदों पर सेवाएं देकर सेवानिवृत हो चुके हैं वही सैकड़ों युवा सेवारत हैं। उनमे से बहुत से सैनिक भारत-चाइना, भारत पाक व कारगिल की लड़ाइयां लड़ चुके हैं, लेकिन कभी कोई शहीद नहीं हुआ। लोकेंद्र गांव का पहला शहीद बेटा है।