वृद्धा को दिया था पेंशन बढ़वाने का झांसा
कंवरपुरा निवासी भंवरलाल जाट ने शहर कोतवाली में मामला दर्ज करवाया था कि उसकी माता छोटी देवी वृद्ध महिला है। उनके कब्जे व काश्त की कृषि भूमि कंवरपुरा में स्थित है। छोटी देवी के पास गांव की संजय बिजारणियां आता-जाता रहता था। संजय ने छोटी देवी को पेंशन बढ़वाने और नई पेंशन चालू करवाने का झांसा दिया था। छोटी देवी ने अपने हिस्से की जमीन का कभी किसी को बेचान नहीं किया। वह कभी भी विक्रय पत्र का पंजीयन करवाने के लिए धोद उप पंजीयक कार्यालय नहीं गई। उसने अपने दस्तावेज भी कभी किसी को नहीं दिए। इसके बावजूद कंवरपुरा निवासी संजय बिजारणिया पुत्र गंगाधर बिजारणिया ने षडय़ंत्र रचकर लक्ष्मणगढ़ के घिरणिया बड़ा निवासी सुरेश ढाका पुत्र दीपाराम जाट, सांवलोदा धायलान निवासी राजकुमार जाट व घिरणिया बड़ा निवासी गणेश पुत्र पेमाराम जाट व अन्य के सहयोग से फर्जी विक्रय पत्र तैयार कर सुरेश ढाका ने अपने नाम जमीन का नामांतरण खुलवा लिया।
जमीन की जमाबंदी निकवाई तो सामने आई हकीकत
छोटी देवी के परिवार के लोगों को जमीन की रजिस्ट्री व नामांतरण दूसरे के नाम होने की जानकारी तब लगी, जब उन्होंने जमीन की जमाबंदी निकल वाई। इसी दौरान पता लगा की आरोपियों ने जमीन का नामांतरण करवाने के साथ बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, फतेहपुर रोड से जमीन के दस्तावेजों के आधार पर 4.71 लाख रुपए का ऋण भी प्राप्त किया गया है। परिवार के लोगों ने जब आरोपियों से बातचीत की तो उन्होंने जमीन से बे-दखल करने और परिवार को जान से मारने की धमकियां दी। शिकायत देकर मामला दर्ज करवाया गया।
ई-मित्र पर रची साजिश, वृद्धा की जगह जवान का फोटो
वृद्धा छोटी देवी की जमीन हड़पने की साजिश एक ई-मित्र पर रची गई थी। छोटी देवी मार्च माह में गांव के ही एक ई-मित्र पर गई थी। इस दौरान यहां एक जने ने महिला छोटी देवी पत्नी भागीरथमल से आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज ले लिए। इस दौरान महिला के अंगूठे आदि भी लगवाए गए। जमीन के बेचान और खरीदने के दौरान दोनों पक्षों की फोटो भी ली जाती है। अंगूठे व साइन कराने का भी नियम है। यहां भी मिलीभगत से खेल खेला गया। 71 साल की वृद्ध की जगह 33 साल की महिला की फोटो खिंचवाई गई।
पासबुक से उतारी फोटो की चस्पा
रजिस्ट्रार कार्यालय में 71 वर्षीय महिला छोटी देवी की जो फोटो लगी है वह पासबुक पर लगी फोटो से पूरी तरह मिलान खाती है। ऐसे में गिरोह के सदस्यों ने ई-मित्र से पहले पासबुक ली। पास बुक से लगी फोटो उतारकर इसकी कई फोटो खिंचवाई। पासबुक में वहीं पुराने फोटो लगा दी गई। वहीं फिंगर भी आधार से मैच नहीं होने के बाद भी अधिकारियों ने रजिस्ट्री कर दी।