यह आती है परेशानी
गांवों में खुली अघोषित अनाज मंडियों के संचालक वाहन चलाने, उपज तौलने के लिए किसान को नौकरी पर रखते हैं। यही नहीं माल परिवहन के दौरान बिल्टी भी परेशानी की होती है। मंडी समिति की टीम जांच करती है तो वाहन में भरे माल को किसान का साबित करने के लिए जमाबंदी मांगी जाती है। काफी देर तक जमाबंदी नहीं पहुंचती है। वाहन को जब्त करने का अधिकार नहीं होने के कारण मंडी की टीम खाली हाथ लौटना पड़ता है।
सरकारी रियायत से पनपे बिचौलिए
सरकार ने किसान की उपज को कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता दी है। इसी स्वतंत्रता का फायदा उठाकर बिचौलिए पनप गए। हाल यह है कि अब इन बिचौलियों की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी है कि इन्हें हटा पाना मुश्किल है।
दर्ज होगा मुकदमा
सीधे फसल खरीदने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई के लिए टीम का गठन किया है। ये टीम खेतों से सीधे अनाज खरीदने वाले व्यापारी व कार्मिक पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाएगी। जिले में ऐसे अवैध कारोबार करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। अनाज की बोरियों से भरे वाहन व कांटे बाट लेकर गांवों में घूमने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। -देवेन्द्र सिंह बारहठ, मंडी सचिव, सीकर