यह था मामला
शाहपुरा निवासी रतनलाल पुनिया (23 वर्ष) विद्युत विभाग में लाइनमैन था और उसकी शाहपुरा जीएसएस पर ड्यूटी थी। रतनलाल शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे शड डाउन लेकर बिजारनियों की ढाणी फीडर में काम करने गया था। इस दौरान पीछे से जीएसएस पर काम करने वाले ठेकेदार के अनट्रेंड कर्मचारी प्रकाश ने फीडर में लाइन चढ़ा दी। जिससे लाइनों पर काम कर रहा रतनलाल करंट की चपेट में आकर झुलस गया। बाद में उसे पलसाना अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद खाटूश्यामजी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को मोर्चरी में रखवा दिया।
इस दौरान परिजन और गांव से काफी संख्या में लोग भी अस्पताल पहुंच गए और ठेकेदार पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाकर धरने पर बैठ गए। बाद में एसडीएम मनोज मीणा, नायब तहसीलदार ज्वाला सहाय मीणा, अधिशासी अभियंता एमके शर्मा और सहायत अभियंता उम्मेदसिंह, ने परिजनों से समझाइस का प्रयास कर नियमानुसार उचित मुआवजा दिलवाने के साथ ही दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही। लेकिन परिजन उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने की बात को लेकर अड़ गए। इस दौरान माकपा नेता अमराराम, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुभाष मील, भाजपा नेता फूलसिंह ऐचरा सहित कई जनप्रतिनिधि भी अस्पताल पहुंच गए और मुआवजे की मांग को लेकर फोन से बात कर अधीक्षण अभियंता को वार्ता के लिए मौके पर बुलाया गया।
शाम करीब साढ़े पांच बजे अधीक्षण अभियंता मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठे लोगों के साथ वार्ता शुरू की। इस दौरान करीब डेढ़ घंटे बाद दोनों पक्षों के बीच मुआवजे और ठेकेदार पर कार्रवाई को लेकर सहमति बनी और परिजन धरना हटाकर शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हो गए।
तीन साल पहले हुई थी शादी
मृतक रतन लाल की तीन साल पहले ही शादी हुई थी और उसके तीन माह की एक बच्ची भी है। उसकी पत्नी ममता ने भी बीएड कर रखी है और हाल ही में द्वितीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा भी दी थी।
बीस लाख का मुआवजे पर बनी सहमति
वार्ता के दौरान एसई ने लोगों को बताया कि विभाग की ओर से कर्मचारी की मौत पर दस लाख का मुआवजा दिया जाता है जो रतनलाल को भी मिल जाएगा। लेकिन परिजनों ठेकेदार को मामले में दोषी बताते हुए कहा कि ठेकेदार ने अनट्रेंड स्टाफ लगा रखा है। ऐसे में ठेकेदार पर कार्रवाई हो और ठेकेदार भी विभाग के जितना ही मुआवजा दें। लेकिन जब एसई ने ठेकेदार से फोन पर बात की तो उसने मुआवजा देने से मना कर दिया। बाद में जब लोगों ने ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करने का दबाव बनाया तो उसने मुआवजे के लिए हामी भर दी तो एसई ने परिजनों को ठेकेदार की ओर से भी दस लाख का मुआवजा देने का आश्वासन देकर धरना हटवा दिया।
नियमानुसार परिलाभ तो मिलेंगे ही साथ ही विभाग की ओर से दस लाख का मुआवजा और ठेकेदार से बात की है ठेकेदार की ओर से भी दोषी होने पर दस लाख का मुआवजा दिलाया जाएगा। साथ ही जीएसएस पर अनट्रेंड स्टाफ रखा जा रहा है इसकी जांच कर ठेकेदार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वीडी सिंह, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम सीकर