राज्य में कहीं भी ले सकेगा भाग
एक आवेदक एक बार पंजीकरण होने पर इस वर्ष में इसी पंजीयन नंम्बर से राजस्थान राज्य में मदिरा दुकानों की नीलामी में भाग ले सकता है। इसके लिए उसे हर मदिरा दुकान की अमानत राशि अलग-अलग जमा करवानी होगी । किसी आवेदक को किसी दुकान विशेष पर बोली बढ़ानी है तो उसे मूल अमानत राशि से अधिक अमानत राशि अपने वालेट में रखनी होगी क्योंकि जैसे-जैसे आवेदक बोली बढ़ायेगा तो बोली के आनुपातिक अतिरिक्त दो प्रतिशत अमानत राशि उसके वालेट से कटेगी। उसके वालेट में बोली के अनुपात में दो प्रतिशत वांछित अमानत राशि नहीं हुई तो बोलीदाता बोली नहीं बढ़ा सकेगा। उच्चतम बोलीदाता की अमानत राशि धरोहर राशि में समायोजित कर दी जाएगी बाकी बोलीदाताओं की अमानत राशि रिफंड कर दी जाएगी।