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राजस्थान में प्रेमी जोड़ों पर कोरोना का पहरा, लव मैरिज से ‘सोशल डिस्टेंसिंग’

locationसीकरPublished: Apr 26, 2020 10:51:35 am

Submitted by:

Sachin

कोरोना (Corona Virus) के कहर से प्रेमी जोड़े (Lovers) भी अछूते नहीं हैं। कोरोना काल में जहां कई परिवारों ने अरेंज मैरिज (Arrange Marrige) टाल दी है वहीं प्रेमी जोड़ों ने भी कोर्ट मैरिज (Court Marrige) से सोशल डिस्टेंस (social distance) बना ली है।

राजस्थान में प्रेमी जोड़ों पर कोरोना का पहरा, लव मैरिज से ‘सोशल डिस्टेंसिंग’

राजस्थान में प्रेमी जोड़ों पर कोरोना का पहरा, लव मैरिज से ‘सोशल डिस्टेंसिंग’

अजय शर्मा

Love marriage stopped in Rajasthan due to corona virus

सीकर. कोरोना (Corona Virus) के कहर से प्रेमी जोड़े (Lovers) भी अछूते नहीं हैं। कोरोना काल में जहां कई परिवारों ने अरेंज मैरिज (Arrange Marrige) टाल दी है वहीं प्रेमी जोड़ों ने भी कोर्ट मैरिज (Court Marrige) से सोशल डिस्टेंस (social distance) बना ली है। इधर, लॉकडाउन में एक भी अंतरजातीय विवाह के लिए आवेदन नहीं आया है। पहले प्रदेशभर में एक दिन में 35 से 50 आवेदन आते थे। इन दिनों जिला कलक्टर कार्यालयों में भी आवेदन कर शादी रचाने वालों ने पूरी तरह दूरी बना ली है। न्यायालय के अलावा आर्य समाज सहित अन्य स्थानों पर भी होने वाली शादियों पर ब्रेक लग गया है। जानकारों का कहना है कि दोनों योजना शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब प्रेम विवाह के लिए लगभग एक महीने में किसी का आवेदन नहीं आया हो। जबकि ऐसे वक्त में यदि कोई जोड़ा अनुमति लेकर सादे कागज पर भी प्रार्थना पत्र देता है तो उसे बाद में शपथ पत्र देने की छूट मिल सकती है।


लॉकडाउन ने कर दिया घरों में लॉक

कोरोना की वजह से पूरे प्रदेश में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में प्रेमी जोड़ों के घरों से भागने के मामले भी पूरी तरह थम गए हैं। पहले प्रदेशभर मे रोजाना औसतन 10 से 17 मामले प्रेमी जोड़ों के भागने के दर्ज होते थे।

कलक्टर कार्यालय: एक महीने बाद देता है प्रमाण पत्र


कोर्ट मैरिज करने वालों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिला कलक्टरों को सरकार ने अधिकृत किया हुआ है। वर व वधू के बालिग होने पर कोई भी कलक्टर कार्यालय में आवदेन कर सकता है। इसके बाद कलक्टर कार्यालय की ओर से एक महीने का समय आपत्ति मांगने के लिए दिया जाता है। इस दौरान कोई आपत्ति आती है तो उसको सुन लिया जाता है। आपत्ति नहीं आने की सूरत में एक महीने बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।


अंतरजातीय विवाह पर पांच लाख का अनुदान

प्रदेश में अंतरजातीय विवाह पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से पांच लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है। विभाग की ओर से आवेदन की स्वीकृति मिलते ही ढाई लाख रुपए का चेक दिया जाता है। इसके बाद ढाई लाख रुपए की एफडी कराई जाती है।

कोई आवेदन नहीं आया


अंतरजातीय विवाह योजना के आवेदन ऑनलाइन है। लेकिन लॉकडाउन अवधि में कोई भी आवेदन नहीं आया है। यदि कोई दावा प्रस्तुत करेगा तो उसकी जांच कर अनुदान दिलाने की भी कोशिश की जाएगी।

अशोक बैरवा, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सीकर

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