script

सीकर, झुंझुनूं और नागौर जिले में कम बुवाई फिर भी टूटेगा उत्पादन का रेकार्ड टूटा

locationसीकरPublished: Aug 29, 2019 11:26:18 am

पिछले साल से कम बुवाई लेकिन उत्पादन सौ मीट्रिक टन ज्यादा तीनों जिलों में मानसून की सामान्य से 86 फीसदी ज्यादा

सीकर, झुंझुनूं और नागौर जिले में कम बुवाई फिर भी टूटेगा उत्पादन का रेकार्ड टूटा

सीकर, झुंझुनूं और नागौर जिले में कम बुवाई फिर भी टूटेगा उत्पादन का रेकार्ड टूटा

सीकर. प्रदेश में सामान्य से कई गुना ज्यादा बारिश बरसों बाद कम बुवाई क्षेत्र में उत्पादन का रेकार्ड तोड़ सकती है। खरीफ सीजन में पिछले साल के वनस्पत इस बार कम हैक्टेयर में बुवाई के बावजूद उत्पादन ज्यादा हुआ है। औसत से ज्यादा बुवाई के आंकडों ने किसानों में खुशियों का संचार कर दिया है। बारिश के कारण भूमिगत जलस्तर में बढोतरी के साथ-साथ किसानों को भरपूर उत्पादन मिलेगा। कृषि विभाग की माने तो खास बात यह है कि पिछले पांच सालों में मानसून की बारिश के बाद प्रदेश के दूसरे जिलों की तुलना में सीकर, नागौर, झुंझुनूं जिला बुवाई के लिहाज से आगे हैं। तीनों जिलों में औसत से 86 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।
यूं समझे बुवाई के आंकड़े
सीकर कृषि खंड के अधीन सीकर, नागौर, झुंझुनूं जिला आता है। सीकर कृषि खंड के पिछले पांच सालों का औसत आंकड़ा देखा जाए तो प्रदेश में खरीफ की फसलों की औसत बुवाई साढ़े 16 लाख हेक्टेयर में की जाती रही है। सीकर कृषि खरीफ 2018 के दौरान 16 लाख 46 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बुवाई की गई है। जिनका औसत उत्पादन 400 लाख मीट्रिक टन आंका गया है। वर्ष 2019 में 14 लाख 80 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई गई है। जिनका अनुमानित उत्पादन 500 लाख 36 हजार मीट्रिक टन आंका जा रहा है। वहीं पांच सालों के औसत प्रति हेक्टेयर उत्पादन में ज्वार में 54 किलो, बाजरा में 136 किलो, मोटे अनाज में 135 किलो, मूंग में 65 किलो, मोठ में 103 किलो, दलहन में 48 किलो, पशुचारे में 81 किलो, मूंगफली में 41 किलो प्रति हेक्टेयर की बढ़ोतरी होगी। हालांकि ग्वार के उत्पादकता में 64 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की गिरावट का अनुमान लगााया जा रहा है।
प्रदेश में बारिश ने तोड़े रेकार्ड
शेखावाटी सहित प्रदेश के 21 जिलों में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है। नौ जिलों में बारिश सामान्य हुई है।


इनका कहना है

सीकर कृषि खंड में इस बार बम्पर बारिश ने खरीफ की बुवाई का पुराना रेकार्ड तोड़ दिया है। बारिश के कारण ग्वार को छोडकर प्रत्येक फसल की उत्पादकता बढ़ेगी। भूजल स्तर में बढ़ोतरी होने से अच्छा उत्पादन मिलेगा जो किसानों को फायदा देगा।
प्रमोद कुमार, संयुक्त निदेशक, सीकर कृषि खंड

ट्रेंडिंग वीडियो