scriptमासूम के गले में गहरा घाव, दर्द दे गया चाइनिज मांझा | Maasoom's throat deep wound, gave pain to Chinese | Patrika News

मासूम के गले में गहरा घाव, दर्द दे गया चाइनिज मांझा

locationसीकरPublished: Jan 14, 2019 06:23:16 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

मासूम के गले में गहरा घाव, दर्द दे गया चाइनिज मांझा

sikar

मासूम के गले में गहरा घाव, दर्द दे गया चाइनिज मांझा

मासूम के गले में गहरा घाव, दर्द दे गया चाइनिज मांझा
नीमकाथाना.शहर में आरओबी पर रविवार शाम को चाइनीज मांझा की चपेट में आने से सात वर्षीय मासूम घायल हो गई वहीं मांझे को तोडऩे के चक्कर में युवक का अंगूठे पर कट लग गया। बच्ची की ठोढ़ी पर दस टांके आए हैं। जानकारी के अनुसार गोड़ावास निवासी छाजूराम अपने परिवार को लेकर ससुराल जा रहा था। मासूम दिव्या बाइक पर आगे बैठी थी। इसी दौरान आरओबी पर चाइनीज मांझा से उसकी ठोढी कट गई। इस दौरान छाजूराम ने मांझे को तोडऩे की कोशिश की मगर मांझा नहीं टूटा और इससे छाजूराम का अंगूठे में कट लग गया। हादसे को देख मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। परिजन मासूम को तुरंत राजकीय कपिल अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने मासूम की ठोढ़ी में दस टांके लगाए। हालांकि डॉक्टरों ने टांके लगाने के बाद बच्ची को छुट्टी दे दी।
सीकर. मकर संक्रांति पर सोमवार को शहर का छतों पर डेरा रहेगा। दिनभर वो…मारा, वो काटा की गूंज के साथ डोर पंतगों को उंचाई देगा। वहीं दान पुण्य का धागा आस्था को ऊंचाई देगा।
मकर संक्रांति की तैयारी के लिए रविवार को लोग दिनभर जुटे रहे। छुट्टी का दिन होने के कारण भीतरी शहर में जमकर पतंगबाजी हुई। बाजार में दान-पुण्य के सामान के साथ पतंगों की जमकर खरीददारी हुई। घंटाघर क्षेत्र में स्थित पतंगों की दुकानों पर देर रात तक भीड़ का आलम रहा। यहां पतंगबाजों की भीड़ सुबह से ही उमडऩी शुरू हो गई। जाति धर्म के बंधन को तोड़ लोगों ने पतंगबाजी की सामग्री खरीदी। बच्चों और युवाओं के साथ बुजुर्ग भी पतंग खरीदते नजर आए।
कहीं जगेगी सूती सेज, मनेगी रूठी सास आस्था और रस्मों का भी बड़ा महत्व है। महिलाएं धर्मराज की पूजा-अर्चना करेगी। सूती सेज जगाना, कुएं की पाल उतारना, देवर को घेवर देना, ससुर को गुड़ की भेली देना, रूठी सास व ननद को मनाने जैसी रस्मों का निर्वहन किया जाएगा। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने के साथ तिल व इससे बने व्यंजनों के दान का बड़ा महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को वत्र बांटने के साथ गायों भी चारा खिलाना चाहिए। मकर संक्रांति पर बाजरे को कूटकर उसका खीचड़ा बनाने की भी परंपरा है। उसके बाद अंगारी पर बाजारे का खीचड़ा, तिली का तेल और तिल के लड्डुओं का भोग लगाकर संक्रांति पूजी जाती है। साथ ही १४ वस्तुएं सुहागिन महिलाओं में बांटी जाती है।
मकर संक्रांति के साथ ही मलमास भी खत्म हो जाएगा। जिससे शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों पर लगा विराम भी हट जाएगा। हालांकि शुभ लग्न १७ जनवरी से शुरू होगा, जो ११ जुलाई तक चलेगा। इस दौरान शादी-विवाह और शुभकार्यों के लिए कई श्रेष्ठ मुहुर्त है।
पतंगबाजी का पर्व मकर संक्रांति सोमवार को मनाया जाएगा। शहर में अलसुबह से समूचा शहर दिनभर छत पर रहेगा और पुराने और नए गानों के बीच रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ाने में मशगूल होगा। पतंगें आसमान में दूर तक कुलांचें भरेंगी।
पुण्यकाल
ठ्ठ 15 जनवरी सुबह ७.२१ से शाम ५.५२ तक
ठ्ठ अमृत योग-सुबह ७.२१ से सुबह 11.06 तक
ठ्ठ सर्वार्थ सिद्धि योग-सुबह ७.२१ से दोपहर १.५६ तक
ठ्ठ मंगलाश्विनी अमृतसिद्धि योग-सुबह ७.२१ से दोपहर १.५५ तक
ठ्ठ राजप्रद योग-सुबह ७.२१ से रात १२.४५ तक
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो