दो हजार किमी का घाटा
सीकर डिपो को हर माह औसतन 55 हजार किलोमीटर संचालन का लक्ष्य दिया जाता रहा है। कई शिड्यूल बंद होने के कारण डिपो की ओर से पहले ही पांच किलोमीटर बसों का संचालन लक्ष्य से कम हो रहा है। ऐसे में खंडेला रूट के बंद होने के कारण करीब दो हजार किलोमीटर ओर कम हो गए हैं। इधर डिपो के कर्मचारियों ने बताया कि खंडेला रूट पर परिचालकों की कमी के नाम पर रोजाना कटेलमेंट हो रहा है। जबकि डिपो ने कई परिचालकों को पद के विपरीत लगा रखा है।
सीकर डिपो को हर माह औसतन 55 हजार किलोमीटर संचालन का लक्ष्य दिया जाता रहा है। कई शिड्यूल बंद होने के कारण डिपो की ओर से पहले ही पांच किलोमीटर बसों का संचालन लक्ष्य से कम हो रहा है। ऐसे में खंडेला रूट के बंद होने के कारण करीब दो हजार किलोमीटर ओर कम हो गए हैं। इधर डिपो के कर्मचारियों ने बताया कि खंडेला रूट पर परिचालकों की कमी के नाम पर रोजाना कटेलमेंट हो रहा है। जबकि डिपो ने कई परिचालकों को पद के विपरीत लगा रखा है।
इनका कहना है
यह सही है कि खंडेला रूट डिपो को सबसे अच्छी आय देने वाला रूट है। कई बार स्टॉफ की कमी के कारण कटेलमेंट हो जाता है। कटेलमेंट के कारणों को लेकर स्टॉफ से जानकारी ली जाएगी।
चन्द्र शेखर महर्षि, मुख्य प्रबंधक सीकर डिपो