विवाह पंचमी महत्व
विवाह पंचमी के दिन माता सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन माता सीता और श्री राम की पूजा का विधान है। इस पर्व को अयोध्या और नेपाल में विशेष आयोजन किया जाता है। इन जगहों पर भव्य रूप से विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन शुभ योग में मांगलिक कार्यों करने से शुभ फलों की की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन पूजन अनुष्ठान करने से दांपत्य जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है। विवाह पंचमी के दिन राम सीता की विधि पूर्वक पंचोपचार पूजन करके वैवाहिक जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा पा सकता है।
16 दिसंबर से मल मास के कारण विवाह पर फिर लगेगी रोक
16 दिसंबर से एक बार फिर विवाहों पर रोक लग जाएगी। 16 दिसंबर को खर मास आरंभ हो जाएगा। खर मास को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना गया है। इसलिए इस समयावधि में विवाह सहित सभी धार्मिक कार्य टाले जाएंगे। इसके बाद विवाह अगले वर्ष 15 जनवरी के बाद शुरू हो सकेंगे। 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक देवप्रतिमा स्थापना, विवाह, उपनयन संस्कार, देवोपासना, यज्ञ, धार्मिक कर्मकांड, पूजा-पाठ आदि धार्मिक कार्यों पर भी रोक लग जाएगी।