सीकर

दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की होती है पूजा, नववर्ष पर करें दुर्लभ दर्शन

मेरा जिला मेरी पहचान: अद्भुत… अद्वितीय… अविस्मरणीय…। आस्था व विश्वास का ऐसा सैलाब। दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की पूजा होती है। भव्य मंदिर… सैकड़ों धर्मशालाएं…करोड़ों भक्त…। राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर सीकर जिले के खाटूश्यामजी ( Khatushyamji Temple Sikar ) में स्थित बाबा श्याम ( Baba Shyam )का भव्य मंदिर जहां हर साल देश विदेशों से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है।

सीकरJan 01, 2020 / 11:51 am

Naveen

दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की होती है पूजा, नववर्ष पर करें दुर्लभ दर्शन

मेरा जिला मेरी पहचान:

सीकर/खाटूश्यामजी.

अद्भुत… अद्वितीय… अविस्मरणीय…। आस्था व विश्वास का ऐसा सैलाब। दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की पूजा होती है। भव्य मंदिर… सैकड़ों धर्मशालाएं…करोड़ों भक्त…लेकिन इनके लिए जो जरूरी सुविधाएं हैं, वे भक्तों की बढ़ती संख्या के सामने अब कम पडऩे लगी है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर सीकर जिले के खाटूश्यामजी ( khatushyamji Temple Sikar ) में स्थित बाबा श्याम ( baba shyam )का भव्य मंदिर जहां हर साल देश विदेशों से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है।

लोगों का विश्वास है कि बाबा श्याम सभी मुरादें पूरी करते है और रंक को भी राजा बना सकते है। इस मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है। बाबा श्याम, हारे का सहारा, लखदातार, खाटूश्याम जी, खाटू का नरेश और शीश का दानी सहित विभिन्न नामों से खाटू श्याम को उनके भक्त पुकारते हैं। यह है खाटूश्यामजी का प्रख्यात लखदातार का मंदिर! इसकी महिमा देश ही नहीं विदेश तक फैली है। हर साल फाल्गुन मेले में यहां लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दरबार में शीश नवाने आते हैं। मंदिर तो भव्य है, लेकिन आसपास अतिक्रमण के कारण अब छोटा पडऩे लगा है। इसके अलावा हर माह ग्यारस को बाबा का मिनी मेला भी भरता है।

दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की होती है पूजा, नववर्ष पर करें दुर्लभ दर्शन

बाबा श्याम के दरबार में भारत वर्ष से लाखों श्रद्धालु नववर्ष 2020 का स्वागत करने पहुंचेंगे। मंदिर प्रबंधन इसकी तैयारी में जुटा है। वहीं शीतकालीन अवकाश एवं वर्ष के अंतिम दौर में रोजाना हजारों श्रद्धालु परिवार सहित श्याम दर्शन को आ रहे हंै। इधर, नववर्ष को लेकर श्री श्याम मंदिर कमेटी ने मंदिर को आकर्षक विद्युत झालरों से सजाया है और श्याम बाबा के सुगम दर्शन हो इसके लिए जिगजैक, बेरिकेडिंग, टेंट आदि व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली है। नववर्ष को लेकर खाटूधाम की अधिकतर होटलें, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं बुक हो चुकी है।

 

दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की होती है पूजा, नववर्ष पर करें दुर्लभ दर्शन

आंकड़ों की नजर में खाटूधाम
80 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं सालाना
310 से अधिक धर्मशालाएं
30 से ज्यादा होटल्स, गेस्ट हाउस
05 लाख के करीब भक्त आएंगे नए साल पर
300 साल पुराना है मंदिर

ऐसे मिला श्याम बाबा को नाम

श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक के उस कटे सिर को वरदान दिया कि कलयुग में तुम मेरे श्याम नाम से पूजित होंगे तुम्हारे स्मरण मात्र से ही भक्तों का कल्याण होगा और धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होगी। स्वप्न दर्शनोंपरांत बाबा श्याम, खाटू धाम में स्थित श्याम कुण्ड से प्रकट हुए थे। श्री कृष्ण विराट शालिग्राम रूप में सम्वत् 1777 से खाटू श्याम जी के मंदिर में स्थित होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण कर कर रहे हैं।

ऐसे हुआ बाबा श्याम का अवतार- Khatushyamji Special: यूं ही नहीं श्री कृष्ण का रूप माने जाते हैं बाबा श्याम, ऐसे हुआ था अवतार, महाभारत से जुड़ा है ये रोचक किस्सा

Home / Sikar / दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां देवता के केवल शीश की होती है पूजा, नववर्ष पर करें दुर्लभ दर्शन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.