सीकरPublished: Nov 30, 2019 06:12:31 pm
Suresh
04 वर्ष में बढ़ा 6.4 फीसदी उत्पादननाबार्ड की ओर से डेयरी उद्यमिता विकास योजना पर आयोजित कार्यशाला आयोजित
देश में तेजी से बढ़ रहा है दुग्ध उत्पादन
सीकर. दूसरे देशों के मुकाबले भारत में दुग्ध का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। पिछले चार वर्ष में यहां दुग्ध का सालाना उत्पादन 6.4 फीसदी बढ़ा है। नाबार्ड की ओर से शुक्रवार को डेयरी उद्यमिता विकास योजना पर यहां आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में यह तथ्य उभर कर सामने आए।
कार्यशाला में बताया गया कि भारत में दूध का उत्पादन वर्ष 2013-14 में 137.7 मिलियन टन था जो वर्ष 2018-19 में 187.75 मिलियन टन हो गया है, जिसमें 36.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार देश में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम थी जो बढक़र 2018-19 में 394 ग्राम हो गई है। डेयरी विकास को बढ़ावा देते हुये स्व-रोजगार सृजन के माध्यम से स्थायी आजीविका पैदा करने के लिए स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्म और आवश्यक बुनियादी ढांचा स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंकों और पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्घाटन जिला परिषद के सीईओ जे.पी बुनकर ने किया।
इस दौरान जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड, एम एल मीना ने कहा कि पशुधन क्षेत्र भूमिहीन और सीमांत किसानों के लिए आजीविका और सुरक्षा जाल में महत्वपूर्ण योगदान देता है। भारत में लगभग 7 करोड़ ग्रामीण परिवार डेयरी गतिविधियों में शामिल है। जिनमें सबसे ज्यादा अनुपात भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों का है।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना में नाबार्ड द्वारा पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर सामान्य श्रेणी से संबंधित लाभार्थियों को इकाई लागत का अधिकतम 25 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, जनजाति को 33.33 प्रतिशत की बेक-एंडेड पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है। उन्होंने सभी बैंकर्स से इस योजना के तहत जिले में ऋण स्वीकृत करने और वितरित करने का आग्रह किया। कार्यशाला में बी.एल.मीणा प्रबंध निदेशक सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक, बडौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सुभाष गर्ग और एम.पी. शर्मा, आरसेटी के प्रबंधक विनोद सारण, संयुक्त निदेशक पशुपालन बी.एल.झूरिया सहित बैंकर्स प्रतिनिधि उपस्थित थे।