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यह पान मसाला और गुटखा खाने से जा सकती हैं जान ! खुलासा होने पर लगा प्रतिबंध

locationसीकरPublished: Nov 15, 2019 01:17:17 pm

Submitted by:

Naveen

पान मसाला और जर्दें ( Pan Masala And Gutkha ) में जान लेने वाले जीवन के लिए खतरनाक कार्सेजेनिक पदार्थों ( Carcinogenic Substances ) की मिलावट हो रही है। यह खुलासा जिले में खाद्य विभाग ( Food Department ) की ओर से लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट में हुआ है।

यह पान मसाला और गुटखा खाने से जा सकती हैं जान !खुलासा होने पर लगा प्रतिबंध

यह पान मसाला और गुटखा खाने से जा सकती हैं जान !खुलासा होने पर लगा प्रतिबंध

सीकर.

पान मसाला और जर्दें ( pan masala And gutkha ) में जान लेने वाले जीवन के लिए खतरनाक कार्सेजेनिक पदार्थों ( Carcinogenic Substances ) की मिलावट हो रही है। यह खुलासा जिले में खाद्य विभाग ( food department ) की ओर से लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट में हुआ है। विभाग की जयपुर स्थित लैब के अनुसार पान मसाला और जर्दा में मिनरल ऑयल (मशीन का तेल) और कैंसर का प्रमुख कारक मैग्नेशियम कार्बोनेट मिला है। खाद्य विभाग की टीम ने जिले में सात और नौ नवम्बर को छह ब्रांडेड पान मसाले के नमूने लिए थे। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट के अनुसार तीन नमूने तो शरीर के लिए बेहद घातक है और दो नमूने मिस ब्रांड मिले। केवल एक नमूना सही मिला। गौरतलब है कि खाद्य विभाग की टीम ने पिछले माह स्टॉकिस्ट से गुटखा और पान मसाले के नमूने लिए थे।


नोटिफिकेशन जारी कर लगाई रोक
कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में तंबाकू पर प्रतिबंध की बात कही थी जिसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। सरकार ने इनको खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया है। जिसके मैग्निशियम कार्बोनेट निकोटिन तंबाकू, मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन, स्टोरेज और वितरण पर रोक लगाई गई थी।


ब्रेन डेड होने का खतरा
गुटखे के स्वाद को तीखा बनाने के लिए केल्शियम कार्बोनेट और चमक लाने के लिए प्रयोग किया जाता है। हकीकत यह है कि शरीर में जरूरत से ज्यादा कैल्शियम होने पर ब्रेन डेड होने की समस्या बढ़ जाती है। यही कारण है कि अस्पतालों में पथरी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कैल्शियम की अधिकता के कारण कैल्सेमिया बीमारी होती है। इस स्थि?ति में पैराथाइरॉइड नामक ग्रंथि? प्रभावित होती है। शरीर में फास्फेट के साथ मिलकर हड्डियों को कठोर बना देता है। हड्डियों में झुकाव भी हो सकता है। कैल्शियम ज्यादा होने से शरीर में मेग्निशियम की कमी हो जाती है।


1 लाख की खपत
जिले में गुटखे का कारोबार पिछले पांच साल में तेजी से बढ़ा है। गुटखा के नए ब्रांड की अधिकांश खेप यूपी और दिल्ली से आती है। इनमें से कई निर्माता तो खाद्य विभाग में पंजीयन तक नहीं करवाते हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी रतन गोदारा ने बताया कि जिले में गुटखा और पान मसाले के 9 बड़े स्टॉकिस्ट है। स्टॉकिस्ट के यहां से छोटे बड़े दुकानदार माल खरीदते हैं। मोटे अनुमान के अनुसार जिले में रोजाना औसतन 80 हजार से 1 लाख पैकेट की खपत होती है।


फैक्ट फाइल
आइसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारत में सबसे ज्यादा मरीज ओरल कैविटी कैंसर के सामने आए। जिसमें वर्ष 2012 में जहां 56 हजार मामले सामने आए वहीं वर्ष 2018 में 114.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1 लाख 19 हजार 992 मामले आए। रिपोर्ट के अनुसार तम्बाकू के सेवन से देश में प्रति वर्ष 3 लाख 50 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है।


स्टॉकिस्ट के यहां से लिए छह में तीन नमूने अनसेफ मिले। इनमें कई बड़े ब्रांड भी है। अनसेफ मिले ब्रांड के निर्माताओं को रिकॉल नोटिस जारी करने के लिए पाबंद किया गया। अनसेफ एवं मिस ब्रांड पाए गए पान मसाला के विक्रेताओं के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 केतहत उचित कार्रवाई की जाएगी। -डा. अजय चौधरी, सीएमचओ सीकर

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