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प्रदेश में लगभग 1650 शहीद है। इनमें से 1100 शहीदों की मूर्ति नहीं है। शहीदों की याद को अमर बनाए रखने के लिए अध्यक्ष ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि मूर्तियों के अनावरण का कार्यक्रम भी सबसे पहले शेखावाटी में होगा। सर्किट हाउस में चिकित्सा राज्य मंत्री बश्ंाीधर खंडेला, सांसद सुमेधानंद सरस्वती, यूआईटी चेयरमैन हरिराम रणवां, सीकर विधायक रतन जलधारी, जिला प्रमुख अपर्णा रोलण, उप जिला प्रमुख शोभ सिंह अनोखूं, गजानंद कुमावत, जितेन्द्र कारंगा, इन्द्रा चौधरी सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
अब तक 23 जिलों में पहुंची सैनिक
सम्मान यात्रा राज्य सैनिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष व नीमकाथाना विधायक प्रेम सिंह बाजोर ने एक अप्रेल 2017 से प्रदेश में शहीद सैनिक सम्मान यात्रा शुरू की। यात्रा का आगाज झुंझुनूं जिले से हुआ था। अब तक प्रदेश के 23 जिलों के 1016 शहीद परिवारों का सम्मान हो चुका है। यात्रा के तहत रविवार को धौलपुर जिले में कार्यक्रम होगा। यात्रा के तहत बाजौर ने अब तक एक लाख किलोमीटर से अधिक की यात्रा पूरी की है।
शहीद परिवारों को नौकरी देने वाला पहला राज्य
बाजौर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 1999 से पहले शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को अब तक नौकरी नहीं मिली। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के ध्यान में यह मामला लाया गया। झुंझुनूं के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की। कार्मिक विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही शहीदों के आश्रितों को नौकरी मिलना शुरू होगा।
विधानसभा में बताएंगे विपक्ष का काला सच
सलाहकार समिति के अध्यक्ष ने कहा कि यात्रा रजानीति से पूरी तरह निकाली जा रही है। हर विधानसभा क्षेत्र में जाते ही सभी दलों के जनप्रतिनिधियों को फोन कर सूचना भी देते है। लेकिन विपक्ष के सदस्य नहीं आते है। इसके पुख्ता सबूत भी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस काले सच को विधानसभा में सामने लाया जाएगा।