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बड़ा खुलासा: गरीब-मजदूरों की बजाय सरकारी कर्मचारियों के घर पहुंच रहा सरकारी योजना का रुपया

locationसीकरPublished: May 04, 2020 11:29:00 am

.एक तरफ गरीब परिवार राशन सहित अन्य सामग्री के लिए तरस रहे हैं, वहीं सरकारी योजनाओं का पैसा सक्षम व्यक्तियों के खातों में आ रहा है।

बड़ा खुलासा: गरीब-मजदूरों की बजाय सरकारी कर्मचारियों के घर  पहुंच रहा सरकारी योजना का रुपया

बड़ा खुलासा: गरीब-मजदूरों की बजाय सरकारी कर्मचारियों के घर पहुंच रहा सरकारी योजना का रुपया

शंकरलाल फुलवारिया

सीकर/शिश्यंू .एक तरफ गरीब परिवार राशन सहित अन्य सामग्री के लिए तरस रहे हैं, वहीं सरकारी योजनाओं का पैसा सक्षम व्यक्तियों के खातों में आ रहा है। फतेहपुर कस्बे में जहां सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों से लेकर उद्योगपतियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़ गए और उनके नाम से लगातार राशन भी उठाया जा रहा है। वहीं अब नया मामला श्रम विभाग की ओर से दी जाने वाली अनुग्रह राशि से जुड़ा है। इसमें मजदूरों के बजाय सरकारी कर्मचारियों के परिवार व मानदेयकार्मिकों को अनुग्रह राशि दे दी गई। (The money of the government scheme going to the account of government employees instead of poor laborers)श्रमिकों को अनुग्रह राशि के तौर पर 1000 व 1500 रुपए दिए जाते हैं। जबकि कई परिवारों को पात्र होने के बाद भी राशि नहीं मिली है।


केस एक: कभी नहीं रहा श्रमिक

शिश्यू गांव निवासी द्रोपदी देवी प्रबोधक है। इनका नाम अनुग्रह प्रोत्साहन सूची में शामिल हैं। जबकि नियमानुसार वह पात्रता नहीं रखती। इस परिवार से पत्रिका टीम ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि विभाग की सूची के हिसाब से मेरे खाते में पैसा आना चाहिए था, लेकिन पैसा नहीं आया। उनका कहना है कि वह कभी श्रमिक नहीं रहे। इनके परिवार में बेटा व पत्नी सरकारी कर्मचारी है।

केस दो: पत्नी के खाते में आ गए पैसे


तुलसाराम रैगर जिसका पुत्र सरकारी सेवा में है। इनकी पत्नी के खाते में अनुग्रह राशि के रुपए आए हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा सरकारी अध्यापक है, पता नहीं पैसे किसलिए आए है। हालांकि उनका यह जरूर कहना है कि मेरा मनरेगा में जॉबकार्ड बना हुआ है और मेरा राशन कार्ड भी अलग है।


केस तीन: श्रमिक के तौर पर पंजीकृत, लेकिन पैसा नहीं

गीतिका देवी पत्नी प्रदीप कुमार का परिवार असंगठित निर्माण श्रमिक के तौर पर पंजीकृत है। नियमों के हिसाब से इस परिवार को अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए। लेकिन अभी तक इस परिवार को एक रुपया भी अनुग्रह राशि के तौर पर नहीं मिला है। इस मामले में परिवार ने कई अधिकारियों को अपनी समस्या भी बताई है।

…और यह बोले जिम्मेदार


इस मामले में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। विभाग की ओर से कभी भी सूची नहीं बनाई गई। स्थानीय स्तर से अनुग्रह राशि के पैसे नहीं डाले गए।

छीतरमल यादव, ग्राम विकास अधिकारी, शिश्यू

सक्षम लोगों के खातों में अनुग्रह राशि का आना बेहद गंभीर है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।

गम्भीर सिंह, तहसीलदार दांतारामगढ़

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