सेहत के साथ चारे पर असर किसानों के अनुसार खरीफ सीजन में उन्नत बीजों से बुवाई का रकबा 90 फीसदी तक कम हो गया है। किसान पशुओं के चारे के लिए देसी किस्म का बाजरा बोते हैं जिससे साल भर पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता बनी रहे लेकिन इस बार हाइब्रिड बाजरे की बुवाई करने से सालभर किसानों को ऊंचे भाव में चारा खरीदना पड़ सकता है। वहीं हाइब्रिड बीज में तैयार सब्जी या फसल में कम गुणवत्ता होती है, लेकिन उत्पादन निश्चित होने के कारण किसान हाइब्रिड बीजों पर अधिक भरोसा करते हैं।
हर वर्ष नया बीज किसान श्रवण काजला ने बताया कि एक ओर खेती की लागत लगातार बढ़ती जा रही है और उत्पादन कम होने से किसान को हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी फायदा नहीं मिल पाता है। इसके अलावा मौजूदा आबोहवा को देखते हुए खरीफ सीजन में उन्नत बीज से बुवाई करने पर उत्पादन और अंकुरण की हर समय अनिश्चिता बनी रहती है। किसानों ने हाइब्रिड बीज की बुवाई को तरजीह दी है।
फैक्ट फाइल (क्षेत्रफल हेक्टैयर में) बाजरा-2,60,000 मूंग-75000 मोठ-2000 चौला-20,000 मूंगफली-30,000 ग्वार-80,000
जिले में खरीफ की फसलों की बुवाई पूरी हो चुकी है। उत्पादन और अंकुरण प्रतिशत को देखते हुए हाइब्रिड को ही तरजीह दी जाती है। इस कारण उन्नत बीज से बुवाई का प्रतिशत घटा है।
जिले में खरीफ की फसलों की बुवाई पूरी हो चुकी है। उत्पादन और अंकुरण प्रतिशत को देखते हुए हाइब्रिड को ही तरजीह दी जाती है। इस कारण उन्नत बीज से बुवाई का प्रतिशत घटा है।
अजीत सिंह, उपनिदेशक कृषि