45 लाख तक पहुंचा आंकड़ा
लॉकडाउन के बाद प्रदेश में जैसे ही मनरेगा योजना अनलॉक हुई तो श्रमिकों का आंकड़ा भी बढ़ गया था। यह बढ़कर 45 लाख को पार कर गया था। इसके बाद जैसे-जैसे प्रदेश में अनलॉक में छूट मिलती गई तो यह आंकड़ा और भी कम होता गया। एक जुलाई को प्रदेश में 41 लाख से अधिक श्रमिक मनरेगा में नियोजित हुए। जो लगातार कम होते गए।
श्रमिक कम होने की यह भी वजह
प्रदेश में श्रमिक कम होने की तीन अन्य वजह भी है। फिलहाल प्रदेश में फसल कटाई का सीजन होने की वजह से भी श्रमिकों का आंकड़ा कम हुआ है। क्योंकि वे खेतों में भी काम में जुट गए हैं। इसके अलावा कई जॉब कार्ड धारियों के मनरेगा में 100 दिन के काम भी पूरे हो गए। जिसकी वजह से भी वे काम से बाहर हो गए। फिर बारिश के सीजन का असर भी मनरेगा के कार्यो पर पड़ा है।
फैक्ट फाइल:
कितनी ग्राम पंचायतों में काम: 10012
मनरेगा में श्रमिक कार्यरत: 1353700
मस्टरोल: 228664
जुलाई महीने में मनरेगा में श्रमिक: 4184011
जुलाई महीने के मुकाबले कम हुए श्रमिक: 2830311
जिला मनरेगा श्रमिक
बाड़मेर: 132691
नागौर: 106227
श्रीगंगानगर: 98519
राजसमंद: 75416
बीकानेर: 74925
हनुमानगढ़: 66620
बांसवाड़ा: 61517
उदयपुर: 58505
सीकर: 53403
डूंगरपुर: 52144
अलवर: 45994
जैसलमेर: 41313
जयपुर: 37670
झालावाड़: 36277
जोधपुर: 35588
झुुंझुनूं: 34193
पाली: 32753
चूरू: 29303
भरतपुर: 23603
भीलवाड़ा: 23269
करौली: 21393
दौसा: 21054
सवाईमाधोपुर: 21002
बारां: 20988
प्रतापगढ़: 20024
सिरोही: 18900
बूंदी: 18445
अजमेर: 17954
कोटा: 17716
टोंक: 15818
जालौर: 15512
धौलपुर: 13089
चित्तौडगढ़: 11875