जयपुर में दिखे आउट ऑफ स्टॉक के बोर्ड
जयपुर शहर में मंगलवार दोपहर बाद ही पेट्रोल-डीजल की किल्लत की तस्वीरें दिखने लगीं। एमआई रोड,मानसरोवर,सीतापुरा,दिल्ली रोड के कई पेट्रोल पंप पर आउट ऑफ स्टॉक के बोर्ड लगा दिए गए। ऐसे में जो वाहन चालक पेट्रोल-डीजल के लिए पंपों पर कतार में खड़े थे उनको पेट्रोल नहीं मिला तो कई जगह सेल्समैन और वाहन चालकों में कहासुनी तक की नौबत आ गई।
सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ही खुले पंप
पत्रिका ने जयपुर में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पंपों पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री का जायजा लिया तो हालात विकट मिले। डिपो से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई के लिए तीन से चार दिन की वेटिंग चल रही है। पंप संचालकों ने कहा कि हालात दिनों दिन बेकाबू होते जा रहे हैं। जब तक हालात नहीं सुधरे तब तक पेट्रोल पंपों का संचालन 24 घंटे की जगह सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ही किया जाए।
जिलों में ऐसे रहे हालात:
-सीकर: रिलायंस और एस्सार के 80 प्रतिशत पंप बंद। डीजल की प्रतिदिन 5 लाख लीटर की डिमांड के मुकाबले 4 लाख लीटर की आपूर्ति।
-झुंझुनूं: एडंवास रकम देने के बाद भी मांग के अनुसार डिपो से पेट्रोल मिल रहा न डीजल।
चूरू: तीन दिन में एक बार डिपो से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति।
भीलवाड़ा: डिपो से पांच दिन में एक बार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति।
श्रीगंगानगर: एस्सार और रिलायंस के सभी पेट्रोल पंप ड्राइ हो चुके हैं।
पाली: 10 से ज्यादा पेट्रोल पंप ड्राइ हो चुके हैं। एडवांस बुकिंग और एडवांस डीडी लगाने के बाद भी डिपो से तेल नहीं मिल रहा है।
जोधपुर: 60 पेट्रोल पंप पर तेल खत्म। अब कंपनियों ने राशनिंग शुरू की। रिलायंस और नायरा के 50 से 55 पंप ड्राइ होने के बाद बंद।
हनुमानगढ़: रिलायंस के पेट्रोल पंप 2 दिन से बंद। अन्य पेट्रोल पंप पर दो दिन का स्टाक ही शेष।
धौलपुर: भारत पेट्रोलियम के पंपों पर डीजल की किल्लत। डिपो से दो दिन में एक बार तेल की आपूर्ति। रिलायंस के पंप एक माह से बंद।
बाड़मेर: मांग के अनुरूप डीजल मिल रहा न पेट्रोल। डिपो से तेल लेने के लिए तीन से चार दिन का इंतजार। सबसे ज्यादा परेशानी किसानों के लिए।
उदयपुर: 200 में से एचपीसीएल, बीपीसीएल, रिलायंस के 50 पेट्रोल पंप ड्राइ होने के बाद बंद। 150 पंप किल्लत से जूझ रहे हैं। जैसे ही स्टाक खत्म होगा वैसे ही बंद कर दिए जाएंगे
समाधान निकाले
पहली बार ऐसा हो रहा है कि लोग पेट्रोल-डीजल के लिए भटक रहे हैं। राज्यों को सुगमता से पेट्रोल-डीजल उपलब्ध कराना केन्द्र की जिम्मेदारी है। तीनो तेल कंपनियां केन्द्र सरकार के अधीन हैं तो समाधान भी वहीं से निकलेगा।
प्रताप सिंह खाचरियावास, खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री राजस्थान
बैठक आजप्रदेश में पेट्रोल-डीजल संकट को लेकन राज्य सरकार गंभीर है। आज तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों, पेट्रोलियम डीलर के साथ बैठक कर रहे हैं। सभी पक्षों से बात होने के बाद इस संकट का हल निकलने की पूरी उम्मीद है।
आशुतोष एटी पेडणेकर, सचिव, खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग
पेट्रोल में कुछ पंपों की सेल कम होने से खरीद नहीं पा रहे है और डीजल मिल नहीं रहा हैं। ऐसे में कंपनियों का निर्धारित कोटा पूरा नहीं होने से सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। प्रत्येक पेट्रोल पंप को दो से तीन दिन में सप्लाई मिल रही है। इससे पहले माल कम होने की सूचना मिलते ही उसी दिन सप्लाई मिल रही थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बड़ी परेशानी
ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों खेतों की बुआई चल रही है, ऐसे में डीजल की डिमांड सबसे Óयादा हैं। इधर, कंपनियां भी ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरों पर Óयादा ध्यान दे रही हैं। साथ ही वर्तमान में एसआरके व रिलांयस जैसे निजी कंपनियों के पेट्रोल पंप भी जिले में 80 प्रतिशत तक बंद है।
कंपनियां कटौती का नहीं बता रही स्पष्ट कारण
कंपनियां कटौती का कोई भी स्पष्ट कारण नहीं बता रही है। सभी कंपनियां सप्लाई कम मिलने की बात कर रही हैं। कंपनियों का तर्क है कि पेट्रोल डीजल सप्लाई पाइप लाइन में परेशानी है। वहीं कंपनियों को दस से पंद्रह रुपए के नुकसान की वजह से सप्लाई कम दी जा रही है।-