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कुंवारों के लिए मुसीबत बनी मां-बेटी, जाल में दो को फंसाया

locationसीकरPublished: Mar 22, 2021 11:59:46 am

Submitted by:

Sachin

राजस्थान के सीकर जिले में एक मां- बेटी कुंवारों के लिए मुसीबत बन गई। यह मां- बेटी कुंवारे युवकों को शादी के झांसे में फंसाकर उन्हें कंगाल बना रही है।

कुंवारों के लिए मुसीबत बनी मां-बेटी, जाल में दो को फंसाया

कुंवारों के लिए मुसीबत बनी मां-बेटी, जाल में दो को फंसाया

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक मां- बेटी कुंवारों के लिए मुसीबत बन गई। यह मां- बेटी कुंवारे युवकों को शादी के झांसे में फंसाकर उन्हें कंगाल बना रही है। दोनों कोर्ट में नाम बदलकर इकरारनामा कर शादी करती है। इसके बाद सोने व चांदी के गहनों को लेकर गायब हो जाती है। क्षेत्र में दोनों के कई दलाल भी सक्रिय है। इसे लेकर शहर कोतवाली थाने में ठगी के दो मामले दर्ज करवाए गए हैं। एएसआइ दशरथ सिंह मामले की जांच कर रहे है।

ये रिपोर्ट दर्ज
लक्ष्मणगढ़ के मंगलदास की ढाणी गाडोदा निवासी प्रेमचंद पुत्र जगदीश प्रसाद ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें बताया कि मनोज उर्फ पप्पू निवासी पिपराली ने हरीसिंह को कहा कि मैंने आपके साले के लिए लड़की देख रखी है। परिवार के लोगों ने विश्वास करके रिश्ते के लिए हां कर दी। 22 जनवरी को मनोज ने ओमप्रकाश निवासी पिपराली के साथ एक लड़की को कोर्ट में भेजा। पूछताछ में युवती ने अपना नाम प्रिया पुत्री जितेंद्र मेहरा निवासी औरंगाबाद महाराष्ट्र बताया। उसने कहा कि इसी लड़की से शादी होगी। उन्होंने शादी के लिए हां कर दी। ओमप्रकाश अंजली बाजिया नाम की महिला को लेकर भी आया था जिसे उसने पत्नी बताया। उन्होंने कोर्ट में इकरारनामा करवा दिया। ओमप्रकाश ही युवती की ओर से गवाह बना। इकरारनामा होने पर अंजली बाजिया ने कहा कि अब तुम पति-पत्नी हो गए हो। प्रिया को अपने घर पर ले जाओं। शादी के बाद उसने सोने का मंगलसूत्र, सोने का कांटा, चांदी का पायजेब पहना दिए। वे उसे घर पर ले गए। घर पर शादी के कार्यक्रम भी आयोजित हुए। 7 दिनों के बाद मनोज घर पर आया और प्रिया को उसने दो लाख रुपयों की जरूरत की बात कहीं। तब उसने जीजा हरीसिंह को फोन कर दो लाख रुपए लेकर बुलाया। उन्होंने प्रिया को रुपए दे दिए। प्रिया ने वह रुपए मनोज को दे दिए।


गहनों का कर रही थी इंतजार

प्रेमचंद ने बताया कि 15 मार्च को गांव में ताउ के पोते की शादी थी। शादी में बहन भी आई हुई थी। प्रिया ने बहन को शादी में जाने की बात कहीं। उसने पहनने के लिए गहने भी मांगे। उसकी बहन ने प्रिया को सोने का हार, सोने के मंगलसूत्र, कानों के टॉप्स, सोने की कंठी सहित अन्य जेवरात दे दिए। गहनों को प्रिया ने पहन लिया। वे सभी घर में ही कामों में व्यस्त हो गए। प्रिया के पास प्रेमचंद का 20 हजार रुपए मोबाइल फोन भी था। रात करीब 11 बजे प्रिया को बहन ने शादी में जाने के लिए देखा तो वह नहीं मिली। तब पूरा परिवार उसे तलाश करने में लग गया। तब घर से कुछ दूरी पर ओमप्रकाश को वैन में देखा। वह प्रिया को वैन में बैठा कर ले गया। वह घर से 50 हजार रुपए भी निकाल कर ले गई।

नौ दिन बाद दूसरी शादी की
दलालों ने दूसरे युवक के घर से भागने के नौ दिन बाद ही दूसरी शादी कर डाली। प्रिया के भागने के बाद पूछताछ के दौरान उन्हें सिकंदर पुत्र चौथमल निवासी दुधवा दांतारामगढ़ मिला। उसने बताया कि एक लड़की उसे भी ब्लैकमेल कर चुकी है। वह 2.27 लाख रुपए व सोने-चांदी के गहने लेकर भाग गई। उस लड़की को भी ओमप्रकाश ने ही मिलवाया था। उसके साथ शंकरपुरी निवासी भैरूजी स्टैंड रघुनाथगढ़ भी था। ओमप्रकाश ने ही कोर्ट में सिंकदर का विवाह करवाया था। सिकंदर के घर से वह 13 जनवरी को भाग गई थी। 22 जनवरी को उन्हें कोर्ट में युवती से मिलवाया था। नौ दिनों के बाद उन्होंने झांसे में लेकर दूसरी शादी करवा दी।

नाम और पते भी फर्जी, रिश्ते में दोनों मां-बेटी
जांच करने पर पता लगा कि युवकों को शादी के झांसे में फंसा कर ठगने वाली मां-बेटी है। ओमप्रकाश ने अंजली नाम की महिला को कोर्ट में पत्नी बताया था। वह उसकी पत्नी नहीं थी। उसका असली नाम भी कंवरजीत कौर पत्नी अजीतपाल निवासी महाराष्ट्र है। जिस युवती से सिकंदर और प्रेमचंद से विवाह करवाया था। उसका असली नाम भी गुरूप्रीत कौर है। गुरूप्रीत कौर की असली मां कंवरजीत कौर है। दोनों मां-बेटी दलालों के साथ मिलकर कोर्ट में नाम बदलकर इकरारनामा कर विवाह कर लेते है। इसके बाद मौका देखकर सोने-चांदी के गहने व रुपए लेकर फरार हो जाते है।

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