आंखों में धूल झोंकने की भी हद होती है... योग परीक्षा भी नहीं छोड़ी! जानिए पूरा मामला
इंजीनियरिंग-मेडिकल या फिर सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल व फर्जीवाड़ा होते तो जरूर सुना होगा, लेकिन हाल ही के एक मामले में योग परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। संभवतया अपनी तरह का ऐसा पहला मामला होगा जब योग परीक्षा में भी किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते हुए ‘मुन्नाभाई ’ पकड़ा गया हो।

सीकर. इंजीनियरिंग-मेडिकल व प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद अब योग जैसी परीक्षाओं में भी गड़बड़झाला सामने आने लगा है। हाल ही में एक मामले में योग परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। संभवतया ऐसा पहला मामला होगा जब योग परीक्षा में किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते हुए ‘मुन्नाभाई’ पकड़ा गया हो।
दरअसल, योग परीक्षा में दूसरे परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा देते हुए एक मुन्ना भाई को गिरफ्तार किया है। उद्योगनगर थानाधिकारी पवनकुमार चौबे ने बताया कि रमेश वर्मा पुत्र मोहनलाल को गिरफ्तार किया गया है। विश्वभारती शिक्षा शास्त्री कॉलेज के केंद्राधीक्षक जनार्दन पुत्र महावीर प्रसाद ने मामला दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि जगदगुरू रामानंदाचार्या राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय भांकरोटा की ओर से योग परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रथम सत्र की परीक्षा योग चिकित्सा का आधार की परीक्षा के दौरान पूनमचंद जांगिड पुत्र हरिराम जांगिड निवासी हमीरपुरा लक्ष्मणगढ़ की भी परीक्षा थी। इस दौरान परीक्षा में पूनमचंद के के स्थान पर रमेश वर्मा पुत्र मोहनलाल बैठा हुआ था।
पता पूछने पर सामने आई सच्चाई
संदेह होने पर परीक्षा के दौरान रमेश से पता पूछा गया तो वह बता नहीं पाया। संदेह होने पर उससे पिता का नाम पूछा गया तो अलग नाम बताया गया। इसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने फर्जी परीक्षा देने की बात कबूल कर ली। उद्योग नगर पुलिस को फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाने की सूचना दी गई।
साधु वेश को बनाया हथियार, ठगे 75 हजार
सीकर. रास्ता पूछने के बहाने साधु के वेश में आए एक व्यक्ति ने 75 हजार रुपए की चपत लगा दी। पीडि़त ने सदर थाने में ठगी किए जाने का मामला दर्ज कराया है। एएसआइ नरेंद्र सिंह के मुताबिक गोपालराम पुत्र हरदेवाराम निवासी भीखनवासी की ओर से दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वह दोपहर करीब 3.25 बजे पीएनबी बैंक, बाडलवास से दो लाख रुपए निकाल कर पैदल जा रहा था। पीछे से आई एक कार जिसमें एक साधु के वेश में एक व्यक्ति व चालक बैठा हुआ था, उसके पास आकर रुकी। साधु वेश धरे उस व्यक्ति ने कार में से पूछा कि नागौर कौन सा रास्ता जाएगा। तब उसने साधु वेशधारी को देखकर कहा कि यही रास्ता जाएगा। इसके बाद साधु वेशधारी ने उसे 10 रुपए का नोट दिया। इस नोट को खर्च मत करना। नोट को देखकर वह संकोच में पड़ गया। नोट देने के बाद साधु वेशधारी ने कहा कि तुम मुझे दो रुपए का सिक्का दे दो। उसने हाथ में दो लाख रुपए वाला थैला मांगा। थैला देने के बाद वह जेब में सिक्का देखने लग गया। उसने जेब को चैक करने के बाद कहा कि दो रुपए का सिक्का नहीं है। तब व्यक्ति ने साधु वेशधारी को कहा कि मैं तुमको 50 रुपए दे देता हूं। उसने एक नगीना निकाल कर दे दिया। इसी दौरान उसने थैले से 75 हजार रुपए निकाल लिए। उसने थैला वापस मांगा तो साधु वेशधारी ने थैला दे दिया। कुछ शक होने पर उसने थैले को चैक किया तो उसमें रुपए नहीं मिले। वह साधु वेशधारी को पकडऩे के लिए दौड़ा तो वह कार को लेकर खूंड की ओर भाग गया। उसने सदर थाने में पहुंच कर ठगी किए जाने का मामला दर्ज कराया।
अब पाइए अपने शहर ( Sikar News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज