10 अक्टूबर को आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना के साथ 10 दिनों के शारदीय नवरात्र 2018 शुरू होंगे। विजयादशमी का पर्व 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन नौका पर होगा। वे हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी। प्रतिपदा बुधवार को है। यह दिन बहुत शुभ माना गया है, इसलिए मां दुर्गा का आगमन बहुत ही शुभ है।
शास्त्रों के अनुसार नौका पर माता दुर्गा के आगमन और हाथी पर प्रस्थान के कारण इस बार नवरात्र अभिष्ट फल दाई होंगे। सीकर जिले में स्थित मां जीण के मंदिर व शाकम्भरी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे। इस बार नवरात्र में कोई तिथि क्षय नहीं हो रही है। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मां दुर्गे के शैल पुत्री स्वरूप की पूजा की जाएगी।
कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त
9 अक्टूबर को सुबह 9.9 बजे प्रतिपदा तिथि प्रवेश करेगी, जो अगले दिन 10 अक्टूबर को सुबह 7.26 बजे तक है। इसलिए उदयातिथि के आधार पर 10 अक्टूबर को कलश स्थापना की जाएगी। पूरा दिन इसके लिए शुभ है। शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को देवी-देवताओं की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इसलिए इसी मुहूर्त में कलश स्थापना करना सर्वोत्तम रहेगा।
17 को अष्टमी, 18 को महानवमी
17 अक्टूबर को कन्या पूजन कर महाअष्टमी की ज्योत ली जाएगी। 18 अक्टूबर गुरुवार को महानवमी मनाई जाएगी। 17 अक्टूबर को अष्टमी तिथि है। नवरात्र में महाअष्टमी को गौरी स्वरूप मां दुर्गे की पूजा-अर्चना की जाएगी। महाअष्टमी को ही कन्या पूजन की परंपरा है। 18 अक्टूबर गुरुवार को नवमी तिथि है। जो श्रद्धालु नवरात्र के व्रत रखते हैं वे नवमी तिथि में हवन आदि करेंगे।
विजयादशमी 19 अक्टूबर 2018
19 अक्टूबर शुक्रवार को विजयादशमी पर जगह-जगह रावण दहन होगा। इसी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध किया गया था। इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। कई जगह रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। विजयादशमी अबूझ मुहूर्त होने से इस दिन वाहनों की ख़ूब बिक्री होगी।