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नीट पेपर लीक: ऐसे चलता है नकल गिरोह का पूरा हाईटेक खेल

नीट परीक्षा में पुलिस ने हाईटेक नकल का बड़ा गिरोह पकड़ा है। सीकर, जयपुर, अजमेर व कोटा सहित अन्य स्थानों पर हुई पुलिस की कार्रवाई में नकल गिरोह के सदस्यों, परीक्षार्थियों व दलालों को पकड़ा गया है।

सीकरSep 14, 2021 / 05:53 pm

Sachin

नीट पेपर लीक: ऐसे चलता है नकल गिरोह का पूरा हाईटेक खेल

सीकर. नीट परीक्षा में पुलिस ने हाईटेक नकल का बड़ा गिरोह पकड़ा है। सीकर, जयपुर, अजमेर व कोटा सहित अन्य स्थानों पर हुई पुलिस की कार्रवाई में नकल गिरोह के सदस्यों, परीक्षार्थियों व दलालों को पकड़ा गया है। जो युवाओं को डॉक्टर बनाने का झूठा सपना दिखाकर अपने जाल में फंसा रहे थे। पत्रिका ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो कई राज सामने आए।

1. प्रश्न पत्र सेंटर से बाहर: मोटी रकम के फेर में उलझाते
गिरोह के सबसे पुराने सदस्यों को यह जिम्मेदारी दी जाती है। यह सेंटर से प्रश्न पत्र भेजने के लिए किसी वीक्षक को मोटी रकम का लालच देकर अपने झांसे में लेते है। इनके परिचितों को फ्री में अन्य परीक्षा में नकल कराने का भी लालच दिया जाता है। सेंटर की सूची आते ही यह सेंटर के कर्मचारियों के जरिए अपना जाल फैलना शुरू कर देते है।

2. सॉल्वर्स टीम: एक से डेढ़ घंटे में हल करवाते पेपर
परीक्षा से एक महीने पहले ही सेंटर तय हो जाता है किस सेंटर से पर्चा बाहर आना है। इस दौरान सॉल्वर्स टीम भी विषयों के हिसाब से तय की जाती है। इसमें विषय के शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों को शामिल किया जाता है। खास बात यह है कि वाट्सएप के जरिए जैसे ही इनको पेपर मिलता है तो वह अपने विषय के हिसाब से तुरंत फोटोकॉपी निकालकर एक से डेढ़ घंटे में सॉल्व कर वापस भेजे देते है।

3. रिकवरी टीम: एक महीने पहले तलाश लेती अभ्यर्थी
यह टीम गिरोह की फील्ड की टीम होती है। यह टीम कोचिंग के इलाकों में महीने भर पहले ही जाल बिछा लेती है। सेंटर से पेपर बाहर आने का सौदा तय होने के बाद यह विद्यार्थियों की बुकिंग लेना शुरू करते हैं। विद्यार्थियों की अलग-अलग समूह में बैठक कर पैसे लिए जाते हैं। इसके अलावा उनको बातचीत के लिए वाट्सएप कॉलिंग करने की हिदायत दी जाती है।

गिरोह का कनेक्शन: कोटा, जयपुर से लेकर अलवर, अजमेर तक जुड़ाव
नीट परीक्षा के दौरान पुलिस की प्रदेश में भर में कार्रवाई की स्थित देखे तो सीकर के लोगों की हर जगह इस फर्जीवाड़े में सक्रियता सामने आई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीकर के सुनील और दिनेश बेनीवाल को भांकरोटा के राजस्थान इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर से पेपर की फोटो भेजी गई थी। पुलिस को सीकर में पेपर की फोटो भेजने वाले मोबाइल, हल किए गए प्रश्नपत्र के उत्तर की हार्डकॉपी और दस लाख रुपए नकद मिल गए हैं।

जाल: देहरादून से लाए फर्जी परीक्षार्थी
अजमेर रेंज आईजी की टीम ने गिरोह से जुड़े नौ लोगों को कोटा से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सीकर के नीमकाथाना क्षेत्र के भुदोली निवासी महेन्द्र कुमार सैनी और सीकर के हीरानगर निवासी अनोज बिजारणियां काम परीक्षा के लिए डमी विद्यार्थियों की व्यवस्था करने का था। यह लोग देहरादून से दो छात्राओं को लेकर आए थे। यह छात्राएं भी पुलिस की पकड़ में आ गई। इसके अलावा झुंझुनूं के बगड़ के पास स्थित भड़ौदा का निवासी सांवरमल सुनार फर्जी परीक्षा देते हुए कोटा में पकड़ा गया है। फर्जी परीक्षार्थी मेडिकल कॉलेज या वेटनरी कॉलेज के छात्र है।

अब सीकर पुलिस कर रही है पैसा देने वालों से पूछताछ
सीकर की उद्योग नगर थाना पुलिस ने अब नीट परीक्षा में पास होने के लिए गिरोह को पैसा देने वालों से पूछताछ शुरू कर दी है। उद्योग नगर थानाधिकारी पवन चौबे ने बताया कि पुलिस को आरोपियों के पास कुछ लोगों के नाम और हस्ताक्षर किए हुए खाली चैक मिले हैं। इन लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया जा रहा है। गौरतलब है कि पुलिस को आरोपियों के पास एक सफेद कागज पर दस छात्रों के नाम लिखे मिले हैं। पंकज, उत्सव बराला, रमेश कुमार, हेमंत फगेरिडय़ा, युवराज, संदीप बाबल, सुधांशु, रोहित कुमार मीना, विनोद कुमार और वीरेन्द्र के नाम सफेद कागज पर लिखे मिले। नाम के आगे फोटो व एडमिट कार्ड लिखा हुआ था। इन सभी के नाम के आगे सही का निशान लगाया हुआ था। इसके अलावा आरोपियों के पास केशन्ता पत्नी मीठालाल और कृष्णा ऑर्थोपेडिक एंड ट्रोमा सेंटर के नाम के हस्ताक्षर किए हुए खाली चैक मिले थे।

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