scriptNEET: हर साल 12 से 15 फीसदी बढ़ रहा डॉक्टरी का क्रेज | NEET: The craze of medicine is increasing by 12 to 15 percent every ye | Patrika News

NEET: हर साल 12 से 15 फीसदी बढ़ रहा डॉक्टरी का क्रेज

locationसीकरPublished: May 23, 2022 04:52:50 pm

Submitted by:

Ajay

सीकर. शिक्षानगरी सीकर के यूथ में कॅरियर चयन में लगातार ट्रैंड बदल रहा है। अब आईआईटी के साथ डॉक्टरी का क्रेज भी लगातार 12 से 15 फीसदी तक बढ़ रहा है।

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Diploma holder doctor

सीकर. शिक्षानगरी सीकर के यूथ में कॅरियर चयन में लगातार ट्रैंड बदल रहा है। अब आईआईटी के साथ डॉक्टरी का क्रेज भी लगातार 12 से 15 फीसदी तक बढ़ रहा है। यही वजह है कि नीट में इस साल शामिल होने वाले यूथ की संख्या 30 हजार को पार कर गई है। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 24 हजार था। इसके पीछे बड़ी वजह डॉक्टरी के कॅरियर में बेरोजगारी शून्य फीसदी और कॅरियर सिक्योर होना है। खास बात यह है कि हमारा यूथ इंजीनियरिंग व मेडिकल परीक्षाओं के बाद सिविल सेवा की तरफ लगातार रूख कर रहा है। पिछले आठ सालों में इन दोनों फील्ड से सिविल सेवा में जाने वाले युवाओं की संख्या सात से दस फीसदी तक बढ़ी है। इस बार नीट परीक्षा में भरे गए आवेदनों की संख्या ने पुराने सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आवेदनों के हिसाब से इस बार 18 लाख 60 हजार आवेदन भरे गए हैं। यह अब तक की सर्वाधिक बढ़ोतरी दर 15.18 फीसदी है। इस साल 2 लाख 45 हजार 223 आवेदन अधिक आए हैं। जबकि वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में केवल 17 हजार 337 आवेदन बढ़े थे। आवेदन अधिक होने की वजह से सरकारी से लेकिन निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटों को लेकर प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। एक सीट के लिए लगभग 20 अभ्यर्थी दौड़ में है। सरकारी में तो प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है यहां एक सीट के लिए 40 से अधिक विद्यार्थी दौड़ में शामिल है। फिलहाल देश में 595 मेडिकल कॉलेज में और इनमें 90 हजार 825 सीट हैं।
इनमें सरकारी में तो केवल 44 हजार 555 सीट ही है।

युवाओं के क्रेज से जनता को क्या फायदा

1. आबादी के हिसाब से मिलेंगे चिकित्सक: देश में अभी आबादी के हिसाब से चिकित्सक नहीं है। राजस्थान सहित कई राज्यों में यह अनुपात काफी बिगड़ा हुआ है। युवाओं के क्रेज बढऩे और देश में लगातार सीट बढ़ोतरी से देश को नए चिकित्सक मिल सकेंगे। एक्सपर्ट का मानना है कि आगामी पांच साल में इस अनुपात में काफी सुधार होने की उम्मीद है।

2. मरीज को बेहतर उपचार: चिकित्सकों की कमी के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से बेहतर उपचार के दावे भी कमजोर साबित हो रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि कई दूर दराज के क्षेत्रों में एक चिकित्सक अभी औसतन 50 से 350 मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। भविष्य में चिकित्सक बढऩे पर यह रेसो भी कम हो सकेगा।

एक्सपर्ट व्यू: आठ सालों में और तेजी से बढ़ेगा रूझान
सीकर के यूथ में भी कॅरियर चयन के ट्रैंड में लगातार बदलाव आ रहा है। डॉक्टरी के पेशे के लिए युवाओं में पिछले दो-तीन सालों में क्रेज सबसे ज्यादा बढ़ा है। लगातार सीटों में बढ़ोतरी और बेरोजगारी शून्य प्रतिशत होने की वजह से भी विद्यार्थियों का रूझान बढ रहा है। आगामी वर्षो में नीट में संख्या और बढऩे की उम्मीद है। नीट के जरिए नर्सिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों के शामिल होने की वजह स आवेदनों में इजाफा भी हुआ है। आगामी आठ वर्षो में और तेजी से रूझान बढऩे की उम्मीद है।

– डॉ. पीयूष सुण्डा, एक्सपर्ट, सीकर

नीट में इसलिए बढ़ रहा हमारे युवाओं का रुझान

1. बेरोजगारी दर शून्य:

डॉक्टरी के पेशे में बेरोजगारी दर फिलहाल शून्य है। ऐसे में युवाओं की इस फील्ड को काफी पसंद किया जा रहा है। खास बात यह है कि कोरोना जैसी महामारी के बीच देशभर में इसी सेक्टर में नई भर्तियां हुई। इस वजह से युवाओं की ओर कोरोनाकाल के बाद नीट परीक्षा के लिए 15 फीसदी से अधिक आवेदन किए गए।

2. बीएससी सहित अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला:

नीट के जरिए बीएससी नर्सिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला मिलने की वजह से युवाओं में क्रेज बढ़ा है। बीएससी नर्सिंग ऑनर्स कोर्स में भी दाखिला इस साल नीट यूजी 2022 की रैंक के अनुसार होंगे। पहले इनकी अलग से प्रवेश परीक्षा होती थी। वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सेंट्रल इंस्टीट्यूट में संचालित बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के प्रवेश भी नीट यूजी के जरिए ही होंगे।

3. नए मेडिकल कॉलेज व सीटों में बढ़ोतरी:

देश में वर्ष 2017 जहां 67 हजार सीट थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 90 हजार तक पहुंच गया। सरकार की ओर से हर साल मेडिकल कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। सीट बढऩे से युवाओं का सक्सेज रेट भी लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भी हमारे युवाओं की ओर से इस पेशे को चुना जा रहा है।

ऐसे लगातार बढ़ रहा क्रेज…

वर्ष – पंजीकृत – उत्तीर्ण – सीट

2017 – 11,38,890 – 6,11,539 – 67218

2018 – 13,26,725 – 7,14,562 – 70012

2019 – 15,19,375 – 7,97,042 – 80312

2020 – 15,97,435 – 7,71,500 – 83275

2021 – 16,14,777 – 8,70,074 – 89875

2022— 1860000 -90825 –

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