युवाओं के क्रेज से जनता को क्या फायदा
1. आबादी के हिसाब से मिलेंगे चिकित्सक: देश में अभी आबादी के हिसाब से चिकित्सक नहीं है। राजस्थान सहित कई राज्यों में यह अनुपात काफी बिगड़ा हुआ है। युवाओं के क्रेज बढऩे और देश में लगातार सीट बढ़ोतरी से देश को नए चिकित्सक मिल सकेंगे। एक्सपर्ट का मानना है कि आगामी पांच साल में इस अनुपात में काफी सुधार होने की उम्मीद है।
2. मरीज को बेहतर उपचार: चिकित्सकों की कमी के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से बेहतर उपचार के दावे भी कमजोर साबित हो रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि कई दूर दराज के क्षेत्रों में एक चिकित्सक अभी औसतन 50 से 350 मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। भविष्य में चिकित्सक बढऩे पर यह रेसो भी कम हो सकेगा।
एक्सपर्ट व्यू: आठ सालों में और तेजी से बढ़ेगा रूझान
सीकर के यूथ में भी कॅरियर चयन के ट्रैंड में लगातार बदलाव आ रहा है। डॉक्टरी के पेशे के लिए युवाओं में पिछले दो-तीन सालों में क्रेज सबसे ज्यादा बढ़ा है। लगातार सीटों में बढ़ोतरी और बेरोजगारी शून्य प्रतिशत होने की वजह से भी विद्यार्थियों का रूझान बढ रहा है। आगामी वर्षो में नीट में संख्या और बढऩे की उम्मीद है। नीट के जरिए नर्सिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों के शामिल होने की वजह स आवेदनों में इजाफा भी हुआ है। आगामी आठ वर्षो में और तेजी से रूझान बढऩे की उम्मीद है।
– डॉ. पीयूष सुण्डा, एक्सपर्ट, सीकर
नीट में इसलिए बढ़ रहा हमारे युवाओं का रुझान
1. बेरोजगारी दर शून्य:
डॉक्टरी के पेशे में बेरोजगारी दर फिलहाल शून्य है। ऐसे में युवाओं की इस फील्ड को काफी पसंद किया जा रहा है। खास बात यह है कि कोरोना जैसी महामारी के बीच देशभर में इसी सेक्टर में नई भर्तियां हुई। इस वजह से युवाओं की ओर कोरोनाकाल के बाद नीट परीक्षा के लिए 15 फीसदी से अधिक आवेदन किए गए।
2. बीएससी सहित अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला:
नीट के जरिए बीएससी नर्सिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला मिलने की वजह से युवाओं में क्रेज बढ़ा है। बीएससी नर्सिंग ऑनर्स कोर्स में भी दाखिला इस साल नीट यूजी 2022 की रैंक के अनुसार होंगे। पहले इनकी अलग से प्रवेश परीक्षा होती थी। वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सेंट्रल इंस्टीट्यूट में संचालित बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के प्रवेश भी नीट यूजी के जरिए ही होंगे।
3. नए मेडिकल कॉलेज व सीटों में बढ़ोतरी:
देश में वर्ष 2017 जहां 67 हजार सीट थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 90 हजार तक पहुंच गया। सरकार की ओर से हर साल मेडिकल कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। सीट बढऩे से युवाओं का सक्सेज रेट भी लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भी हमारे युवाओं की ओर से इस पेशे को चुना जा रहा है।
ऐसे लगातार बढ़ रहा क्रेज…
वर्ष – पंजीकृत – उत्तीर्ण – सीट
2017 – 11,38,890 – 6,11,539 – 67218
2018 – 13,26,725 – 7,14,562 – 70012
2019 – 15,19,375 – 7,97,042 – 80312
2020 – 15,97,435 – 7,71,500 – 83275
2021 – 16,14,777 – 8,70,074 – 89875
2022— 1860000 -90825 –