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सीकर के सबसे बड़े कल्याण अस्पताल में मरीजों की सेहत के साथ हो रहा ये खिलवाड़

locationसीकरPublished: Feb 14, 2018 12:10:24 pm

Submitted by:

vishwanath saini

गौरतलब है कि एमसीआई नाम्र्स के अनुसार अस्पताल के सभी वार्डों में बेड टू बेड आक्सीजन प्वाइंट होना चाहिए।

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सीकर. जिले के सबसे बड़े कल्याण अस्पताल में सेन्ट्रलाइज्ड आक्सीजन प्रणाली मेडिकल कॉलेज से अटैच होने के कारण अटक गई है। अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर और ट्रोमा यूनिट में आक्सीजन की सेंट्रलाइज्ड लाइन तो है लेकिन लीकेज के कारण लाइन शोपीस बनी हुई है। मरीजों को आक्सीजन सिलेंडरों के जरिए ही आपूर्ति दी जाती है। जिससे मरीजों में हर समय संक्रमण का खतरा बना रहता है। गौरतलब है कि एमसीआई नाम्र्स के अनुसार अस्पताल के सभी वार्डों में बेड टू बेड आक्सीजन प्वाइंट होना चाहिए।

 

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हर माह दो दर्जन से ज्यादा की खपत
अस्पताल में हर माह औसतन दो दर्जन से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडरों की खपत होती है। ट्रोमा यूनिट और मॉड्यूलर ओटी में आक्सीजन सप्लाई के लिए प्वाइंट बने हुए है। लेकिन बरसों से इन लाइनों की मरमम्त और देखरेख नहीं होने के कारण लाइन जगह-जगह से लीक है। इसके अलावा आक्सीजन के फ्लो का भी सटीक अंदाज नहीं लग पाता है।

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