सडक़ की चौड़ाई गनेड़ी से गाड़ोदा तक सात मीटर तय की हुई है। गांव में अतिक्रमण के कारण रास्ते संकरे होने के कारण काम अपनी गति नहीं पकड़ सका। जिला कलक्टर, पीडब्ल्यूडी मंत्री से लेकर सभी विभागों के ग्रामीणों ने चक्कर लगाए। लेकिन सडक़ का काम नहीं हो सका। ग्रामीणों की मांग है कि सडक़ की तय चौड़ाई सात मीटर रखकर ही पूरे रास्ते पर सडक़ बनाई जाए। जिससे हाइवे जैसी सडक़ का लाभ रास्ते से लगने वाले गांवों को मिल सके। सडक़ निर्माण के लिये जिला कलक्टर भी कई बार दौरा कर चुके है लेकिन राजनीतिक द्वंद्व के बीच फंसी सडक़ को समाधान नहीं मिल रहा है।
अब पौने चार मीटर का काम शुरू
इस बीच रविवार को ठेकेदार ने मनमर्जी से गांव के बीच रूकी पड़ी सडक़ पर पौने चार मीटर सीसी सडक़ का काम अचानक शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि रसूख वाले लोगों के कारण अतिक्रमण नहीं तोड़े जा रहे है व सडक़ को अब 3.75 मीटर की चौड़ाई में बनाया जा रहा है, जिसके कारण आने वाले समय में हाइवे जैसी रोड का सपना अधूरा रह जाएगा। गांव के गोपाल धायल, रामेश्वरलाल, अजीत कुमार, सीताराम जाखड़, रामेश्वरलाल शर्मा, औंकार मल शर्मा, धन्नाराम बुरडक़ ने बताया यदि सरकार द्वारा स्वीकृत सात मीटर चौड़ाई की सडक़ नहीं बनाई जाती है तो प्रशासन व सडक़ निर्माण अॅथोरिटी को विरोध का सामना करना पड़ेगा।
विभाग जारी कर चुका नोटिस
सडक़ निर्माण में जेवली गांव में रोड़े बन रहे अतिक्रमण के लिए राजस्व विभाग ने अतिक्रमियों को नोटिस भी जारी किए, जिनमें से अधिकतर लोगों ने अपने अतिक्रमण हटाने की सहमति भी दे दी, लेकिन कुछ लोगों की रसूख तथा ठेकेदार की हठधर्मिता के कारण रोड की चौड़ाई घटाकर निर्माण चालू किया जा रहा है।