इस महकमे की लापरवाही पर रही उपभोक्ताओं पर भारी
सीकरPublished: Jul 17, 2019 06:32:49 pm
ई-मित्र प्लस मशीन नहीं आ रही काम, जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु, जाति, मूलनिवास प्रमाण-पत्र का प्रिंट, बिजली, पानी के बिल जमा करने जैसे काम अटके
इस महकमे की लापरवाही पर रही उपभोक्ताओं पर भारी
सीकर. विद्युत निगम की लापरवाही उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। सहायक अभियंता कार्यालयों में लगे ई-मित्र प्लस मशीनें इंटरनेट व सर्वर व्यवस्था न होने के कारण आमजन के लिए शोपीस बनकर रह गई हैं। आधुनिक तकनीकी के माध्यम से लोगों को एक ही छत के नीचे कई तरह की सरकारी और निजी सेवा मिले। इसके लिए पिछली सरकार ने इस पहल को शुरू किया था। लेकिन ई-मित्र प्लस पहल के तहत विभागों में आई मशीनें कई महीनों से नकारा साबित हो रही हैं। इन मशीनों को अधिकांश जगह इंस्टॉल किया जा चुका है, लेकिन सर्वर की समस्या से यह काम नहीं कर पा रही हैं। केंद्रों पर लाखों रुपए की इन मशीनों के संचालन के लिए लगे ऑपरेटर्स के पास दिनभर कोई काम नहीं
होता हैं।
रसीद मिलने तक की व्यवस्था
उपभोक्ता की ओर से ली जाने वाली सुविधा का शुल्क केस रिसेप्टर व कार्ड स्वाइप कर होता है। भुगतान करने के बाद लेजर प्रिंटर से रसीद भी मिलती है। इन मशीनों के खराब होने के कारण कई उपभोक्ताओं को पानी-बिजली बिल भुगतान के लिए भी चार्ज देना पड़ रहा है।
150 से अधिक मशीन लगी है जिले में
पूरे जिले में संचालित करीब 150 से अधिक मशीने संचालित है।
ई-मित्र संचालक ओमप्रकाश काजला ने बताया कि शहर के तीनों सहायक अभियंता कार्यालयों में ई-मित्र संचालित है। इनमें सात ऑपरेटर्स लगे हुए है।
बिजली बिल से जमाबंदी का काम
लोगों को मशीन से जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु, जाति, मूलनिवास प्रमाण-पत्र का प्रिंट, बिजली, पानी के बिल जमा करना सहित तमाम तरह की सरकारी व निजी सेवाएं आधुनिक तकनीकी के माध्यम से देने के लिए ई-मित्र प्लस का का पैटर्न लेकर आई थी। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों व राज्य सरकार के सभी विभागों में मशीनों को भेजा गया।