पालने में रखते ही घंटी बजी तो अस्पताल का स्टॉफ पहुंचा। स्टॉफ ने मासूम का उपचार किया। महज 1730 ग्राम की लाडो का जन्म घर पर हुआ है। इसकी पुष्टि बच्ची की नाल को धागे से बांधा गया था। फिलहाल बच्ची को सांस लेने में परेशानी हो रही है। चिकित्सकों के अनुसार सामान्य स्थिति में होने पर लाडो को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया जाएगा। इसके बाद लीगल फ्री करके बच्ची को गोद देने की प्रक्रिया की जाएगी।
हर माह एक लावारिस
बाल कल्याण समिति के सदस्य गिरवर सिंह झाझड ने बताया कि बुधवार रात को मिली नवजात को राधिका नाम दिया गया है। इससे पहले पिछले तीन माह में समिति के पास तीन लावारिस नवजात आ चुके हैं। एक बच्ची की अस्पताल में मौत हो चुकी है। फिलहाल समिति के पास एक लडक़ी और एक लडक़ा है। जिन्हें गोद देने की प्रक्रिया चल रही है।
विशेष निगरानी में बच्ची
नवजात बच्ची को अस्पताल में विशेष निगरानी में रखा गया है। स्वास्थ्य को लेकर विशेष स्टाफ की ड्यूटी लगाई है, जो 24 घंटे बच्ची की देखरेख में लगे हुए है। बच्ची को पाउडर का दूध पिलाया जा रहा है।