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भाजपा राज में लगे प्रदेश के हजारों शिक्षकों को कांग्रेस सरकार ने दिया बड़ा झटका

locationसीकरPublished: Jun 04, 2019 12:05:00 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

समय परिवर्तन और गर्मियों की छुट्टी बढ़ाने सहित अन्य फैसलों के जरिए लगातार शिक्षकों को राहत देने वाली कांग्रेस सरकार ने अब भाजपा राज में तबादलों की गली निकाल कर आए शिक्षकों को बड़ा झटका दे दिया है।

सीकर.

समय परिवर्तन और गर्मियों की छुट्टी बढ़ाने सहित अन्य फैसलों के जरिए लगातार शिक्षकों को राहत देने वाली कांग्रेस सरकार ने अब भाजपा राज में तबादलों की गली निकाल कर आए शिक्षकों को बड़ा झटका दे दिया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ( Preliminary education department) की ओर से सोमवार देर शाम जारी हुए आदेश से लगभग 3600 शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ( Govind Singh Dotasra ) ने बताया कि जिन शिक्षकों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया उनको वापस मूल विभाग में भेजा जाएगा। तबादले के बाद भी ऑनलाइन कार्यग्रहण नहीं करने वाले लगभग 500 शिक्षकों के अब कांग्रेस सरकार तबादले रद्द करेगी। जबकि विभाग के आदेशों को दरकिनार कर पुराने पदों पर जमे 3100 शिक्षकों को अब वापस अपने मूल स्थान पर जाना होगा। शिक्षा विभाग के इस आदेश से शिक्षकों में बड़ी खलबली मच गई है।


ऐसे शिक्षकों को दिया कांग्रेस ने झटका


1. ऑनलाइन नहीं किया कार्यग्रहण:
ऐसे शिक्षक जिनका तबादला कई महीने हो गया, लेकिन अभी तक ऑनलाइन कार्यग्रहण नहीं किया है। इन शिक्षकों का तबादला निरस्त हो गया है। प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 500 से अधिक है। इन शिक्षकों को वापस अपने मूल स्थानों पर जाना होगा। शिक्षा विभाग ने अब ऐसे शिक्षकों को वेतन भी जारी नहीं करने के आदेश दिए है। छह महीने तक अपने पद पर कार्यग्रहण नहीं करने के कारण वैसे भी तबादला रद्द होने का नियम है।


2. 6 डी के आदेश लेकिन नहीं मा.शि.में
प्रांरभिक शिक्षा में 625 से अधिक ऐसे शिक्षक है जिनका प्रांरभिक से 6 डी के तहत माध्यमिक सेटअप में भेजने के आदेश हो चुके हैं। लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने कई जिलों अपने चहेते शिक्षकों को बड़ी राहत दे दी। इस कारण 625 शिक्षक अभी भी प्रांरभिक शिक्षा में जमे हुए है। कांग्रेस सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इनको माध्यमिक शिक्षा में भेजने की तैयारी कर ली है। वहीं अब तक हुई लापरवाही पर भी सख्त रूख अपना लिया है।


3. शहरी शिक्षकों को मूल विभाग में
ग्रामीण और शहरी शिक्षकों को भी वोट बैंक का जरिया बनाने का बड़ा उदाहरण सामने आया है। पिछली सरकार के समय प्रांरभिक शिक्षा विभाग के 7636 शिक्षकों में से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 5089 शिक्षकों को तो माध्यमिक शिक्षा में भेज दिया गया। लेकिन 2500 से अधिक शिक्षक अभी भी शहरी क्षेत्रों में जमे हुए, जबकि इन शिक्षकों का भी दूसरे स्कूलों में जाना तय था। इनको भी विभाग ने पुराने आदेशों के तहत भेजने की तैयारी कर ली है।


जिन शिक्षकों के लिए पिछली सरकार ने गली निकालकर बचाने का काम किया था उनको भी मूल स्थानों पर भेजा जाएगा। -गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री

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