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क्या आपको पता है नए जनाना अस्पताल की ये बातें, नहीं तो जान लें

locationमिर्जापुरPublished: May 12, 2017 01:05:00 pm

Submitted by:

dinesh rathore

एसके अस्पताल प्रबंधन पशोपेश में आ गया है। वजह है कि नेहरू पार्क के पास बने जनाना अस्पताल को शुरू करने के लिए उन्हें केवल पांच दिन का वक्त दिया गया है। अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है।

एसके अस्पताल प्रबंधन पशोपेश में आ गया है। वजह है कि नेहरू पार्क के पास बने जनाना अस्पताल को शुरू करने के लिए उन्हें केवल पांच दिन का वक्त दिया गया है। अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है। जबकि जनाना अस्पताल को शुरू करने के लिए ना तो पुरी सुविधाएं वहां मौजूद हैं और ना ही इतने कम समय में इनको पूरा किया जा सकता है। इधर, आरसीएच निदेशक व जिला प्रभारी मंत्री ने निर्देश जारी किसी भी सूरत में अस्पताल को अतिशीघ्र शुरू कर रिपोर्ट करने की हिदायत दी है। इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव ने एक मई को अस्पताल शुरू करने के आदेश जारी किए गए थे। जानकारी के अनुसार नेहरू पार्क के पास 16 करोड़ की लागत और 100 बेड के जनाना अस्पताल की स्वीकृति 2012 में जारी की गई थी। लेकिन, निर्माण एजेंसी के ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में ढि़लाई बरतने के कारण 2017 में काम पूरा हो पाया। लंबा समय बीत जाने के बाद भी अस्पताल की सुविधा मिलना शुरू नहीं हुआ तो जनप्रतिनिधियों के दबाव में विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी अस्पताल प्रशासन को खींच कर रख दिया है। अब ढि़लाई पर कार्रवाई करने की बात कही गई तो पीएमओ सहित बाकी प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। जबकि हकीकत यह है कि महिला मरीजों की सुविधाओं के अनुरूप अस्पताल में बहुत सी व्यवस्थाएं अधूरी पड़ी है। 
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ये हैं खामियां

स्टाफ सहित लेब जांच मशीनरी, सोनोग्राफी मशीन, एक्स-रे मशीन, इंटरकोम सुविधा, कम्प्यूटर ऑपरेटर, गार्ड व सफाई कर्मी लगाए जाने हैं। एंबुलेंस, जेएसवाई सिस्टम के लिए कर्मचारियों सहित एनेस्थेटिक व मेन पॉवर की कमी है। बाहर और अंदर ड्रेनेज सिस्टम का काम अभी अधूरा पड़ा है। लॉंड्री नहीं बनी और ब्लड बैंक या स्टोरेज के लिए लाइसेंस लेने आदि की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। 
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बटेगा एसके चिकित्सालय का स्टाफ !

निर्देशों में कहा गया कि एसके अस्पताल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ की संख्या को इस प्रकार बांटा जाए कि वर्तमान जिला अस्पताल में आउटबोर्न व नए जनाना अस्पताल में इन बोर्न यूनिट संचालित की जा सके। शिशु चिकित्सकों का एक ड्यूटी रोस्टर बनाकर राज्य स्तर से अनुमोदित करवा कर यूनिट को कार्यशील किया जाए। एसके अस्पताल में समस्त स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों को नए जनाना अस्पताल में कार्य कराने को कहा गया है।
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