बजरंग चिल्लाता और छटपटता रहा लेकिन ऊंट के मुंह से छूट नहीं सका। जब तक वहां कोई पहुंचता तब तक ऊंट उसकी जान ले चुका था। घटना की सूचना पर दूधवाखारा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। कांस्टेबल महेन्द्र ने मौका मुआयना किया तथा मृतक का घांघू के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। ऊंटगाड़ा किसी और का बताया जा रहा है। बजरंग अपने खेत में काम करने के लिए लाया था।
मृतक बजरंग करता था खेती
बजरंग खेती बाड़ी और मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। परिजनों ने ऊंट के हमले में मारे जाने की खबर सुनी तो वे स्तब्ध रह गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उसके तीन बेटियां व दो बेटे हैं। बेटों की शादी अभी नहीं हुई है।