इधर राजकीय कला महाविद्यालय कटराथल के प्रशासन का कहना है कि शिक्षण व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विद्यार्थियों को अलग-अलग पारियों में बुलाया जाता है। इससे विद्यार्थी एक साथ कॉलेज नहीं आते हैं। आसानी से शिक्षण व्यवस्था हो जाती है। लेकिन इसका जवाब देते हुए विवि प्रशासन का कहना है कि अगर कॉलेज नामांकन के अनुसार विद्यार्थियों को अलग-अलग पारियों में बुलाया जाता है, तो एक पारी में अनुमानित कितने विद्यार्थी एक साथ बैठते होंगे। परीक्षा सेंटर पर विद्यार्थियों की मांग के अनुसार 550 विद्यार्थी मानते हैं। कॉलेज में बीए फाइनल के छह, सैकंड इयर के सात तथा प्रथम वर्ष में पांच पेपर होते हैं। ऐसे में अगर एक पारी में तीन कक्षाएं भी संचालित होती है, तो कॉलेज कितनी पारियों में चलता होगा। कॉलेज नामांकन के अनुसार ऐसे में कुल 10 पारियां लगाना क्या संभव है।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. रामगोपाल शर्मा ने बताया कि 30 अप्रेल से होने वाली पीजी परीक्षाओं के लिए कॉलेज की व्यवस्थाओं को देखते हुए विवि ने सोमवार शाम को सब सेंटर बनाने की अनुमति दी है। इससे पहले हमे सब सेंटर बनाने की अनुमति नहीं थी। अब हम सब सेंटर बनाकर सुव्यवस्तित तरीके से परीक्षाएं करवा देंगे। उल्लेखनीय है कि कॉलेज प्राचार्य ने अब तक छह पत्र लिखकर सब सेंटर बनाने की मांग की। साथ ही कहा कि एक साथ इतने बच्चों की व्यवस्था करने के लिए उनके पास स्थान नहीं है। लेकिन विवि ने अनुमति नहीं देते हुए यह कहा था, कि इतने विद्यार्थियों की पढ़ाई करवा सकते हो, तो परीक्षा कराने में कहां दिक्कत आ रही है।
यह है हकीकत
राजकीय कला महाविद्यालय कटराथल में कुल 25 कमरे हैं। जिनमें एक बड़ा हॉल, एक स्टाफ रूम, एक प्राचार्य कक्ष, एक स्टोर, एक भूगोल लैब, एक कक्ष में एनसीसी यूनिट व एक कक्ष में कम्प्यूटर लैब संचालित है। ऐसे में शेष 16 कमरों में कक्षाएं चलती है। एक कक्ष में करीब 50 विद्यार्थी परीक्षा दे सकते हैं।