सीकर

ये है राजस्थान का सबसे शांतिप्रिय गांव, आजादी के बाद से पुलिस थाने में कोई मामला नहीं हुआ दर्ज

SIKAR : हरियाणा से सटे गांव कंवर का नांगल में कोई छोटी मोटी बात हो जाती है तो गांव के बड़े बुर्जुग मिल बैठकर गांव की चौपाल में सुलझा लेते हैं।

सीकरJan 05, 2018 / 06:03 pm

vishwanath saini

सीकर

जिले के नीमकाथाना उपखण्ड के मावण्डा इलाके का गांव कंवर का नांगल के निवासी इतने शांतप्रिय हैं कि जिनकी देन है कि देश आजाद होने के बाद से आज तक पुलिस थाना में कोई मामला दर्ज नहीं है। हरियाणा से सटे गांव कंवर का नांगल में कोई छोटी मोटी बात हो जाती है तो गांव के बड़े बुर्जुग मिल बैठकर गांव की चौपाल में सुलझा लेते हैं।

 

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सेना से रिटायर्ड कैप्टेन राजपाल सिंह ने बताया की ग्राम के लोग शुरू से ही मेहनत पर विश्वास करते आए हैं, वहीं तंवरावाटी युवा मंच के कोषाध्यक्ष विजेन्द्र सिंह का कहना है कि युवा वर्ग बड़े बुजुर्गों से मेहनत व इमानदारी पर विश्वास करना सीखा है। इसी सूत्र से वे आगे बढ़ रहे हैं। हाल ही में इटली देश में रह रहे ग्राम के सोनू सिंह ने बताया कि ग्राम कंवर का नांगल के सैकड़ों युवक इटली में कार्यरत हैं जिनमें से कुछ मकान बना कर इटली में ही बस गए हैं।

 

 

 

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गांव के अधिकतम लोगों में यहां बनी गौशाला में गहन आस्था है। जिसके चलते गौशाला में यहां के लोग समय समय पर सामूहिक रूप से श्रमदान करने के अलावा गौशाला विकास के लिए धन उपलब्ध करवाते रहते हैं। तीन दशक तक सेना में रह कर देश सेवा कर चुके कैप्टेन राजपाल सिंह द्वारा अपना निजी टैक्टर गौशाला के काम के लिए रखा है। यहां के लोगों की आस्था देखकर डाबला के ग्रामीण भी गौ सेवा में लगे रहते हैं ।


ग्रामीणों ने बताया की उनके यहां के लोग विदेशों के अलावा सेना में कार्यरत हैं जिनका रेलवे स्टेशन डाबला है, जहां पर चेतक एक्सप्रेस ट्रेन नहीं रुकने से उन्हें परेशानी होती है। यहां के पूर्व सैनिकों ने बताया की सीकर में हुई पूर्व सैनिकों की रैली में वे चेतक ठहराव वास्ते सांसद से मिलकर अपना दर्द जता चुके हैं।

सुविधाओं का अभाव, प्रशासन की बेरुखी
ग्रामीणों ने बताया की उनका गांव बिल्कुल हरियाणा सीमा पर है। आज तक जिला कलक्टर ग्राम में नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया की नीमकाथाना जिला बनने पर उनको सुविधाएं मिलने लगेगी। महिलाओं के अनुसार गांव में पेयजल समस्या है। वहीं युवाओं ने खेल मैंदान नहीं होने की बात कही। वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया की पहाड़ी इलाका होने से रात के समय पैंथर जैसे जानवर आने से रोकने के लिए सरकार को सैर ऊर्जा की रोशनी लगाने की मांग की है।

इनका कहना है

ग्राम कंवरकानागंल स्यालोदड़ा ग्राम पचायंत में ही आता है। यह बात सही है कि आज तक इस ग्राम में शांति प्रिय लोगों की वजह से कोई भी मामला पुलिस थाने में दर्ज नहीं हुुआ है।
-आशु सैनी,सरंपच, गांव स्यालोदड़ा

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