सीकर. घरेलू गैस सिलेंडर (lpg) के दामों में लगातार होती बढ़ोतरी ने आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ दिया है। महंगाई(inflation) के तोड़ के लिए अब इंडक्शन(electric induction) की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है। प्रदेश में छह महीने में 20 फीसदी से ज्यादा इंडक्शन का कारोबार बढ़ा है। इसकी एक वजह यह भी है कि राजस्थान, पंजाब, दिल्ली सहित कई राज्यों में घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली की सब्सिडी मिलना शुरू हो गई है। ऐसे में गैस सिलेंंडर के मुकाबले इंडक्शन से बचत भी हो रही है।
2019 में खर्च होते थे 7 रुपए प्रतिदिन अब 60 रुपए तक का खर्चा
एक्सपर्ट का कहना है कि इन दिनों एक परिवार में औसतन 30 से 60 रुपए की गैस की खपत हो जाती है। जबकि इन्हीं परिवारों के इंडक्शन के जरिए खर्चा 12 से 18 रुपए तक ही हो रहा है। सिलेंडरों के दाम बढऩे के बाद इंडक्शन बनाने वाली कंपनियों ने तकनीक में भी काफी बदलाव किया है। प्रदेश में महंगाई की वजह से 30 लाख से अधिक उपभोक्ता गैस सिलेंडर रिफील नहीं करवा रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि वर्ष 2019 तक गैस सिलेंडर के दाम कम होने की वजह से सामान्य परिवार का एक दिन का खाना महज सात से आठ रुपए में पक जाता था। इस दौरान बिजली सब्सिडी नहीं होने से लोगों ने इंडक्शन से दूरी बनाई हुई थी।
एक्सपर्ट का कहना है कि इन दिनों एक परिवार में औसतन 30 से 60 रुपए की गैस की खपत हो जाती है। जबकि इन्हीं परिवारों के इंडक्शन के जरिए खर्चा 12 से 18 रुपए तक ही हो रहा है। सिलेंडरों के दाम बढऩे के बाद इंडक्शन बनाने वाली कंपनियों ने तकनीक में भी काफी बदलाव किया है। प्रदेश में महंगाई की वजह से 30 लाख से अधिक उपभोक्ता गैस सिलेंडर रिफील नहीं करवा रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि वर्ष 2019 तक गैस सिलेंडर के दाम कम होने की वजह से सामान्य परिवार का एक दिन का खाना महज सात से आठ रुपए में पक जाता था। इस दौरान बिजली सब्सिडी नहीं होने से लोगों ने इंडक्शन से दूरी बनाई हुई थी।
इंडक्शन पर यही खर्चा 12 से 18 रुपए प्रतिदिन
-सीकर जिले में अभी घरेलू गैस सिलेंण्डर 1019 रुपए में आ रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो छह लोगों का भोजन पकाने पर औसतन 30 से 35 रुपए की गैस खर्च होती है। जबकि इंडक्शन के जरिए यह खर्चा 12 से 18 रुपए तक ही आ रहा है।
-सरकार ने अब 50 से 500 यूनिट के स्लैब में छूट दी है। ऐसे में जिन परिवारों के पास बिजली के ज्यादा उपकरण नहीं हैं उनके लिए यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है।
-सीकर जिले में अभी घरेलू गैस सिलेंण्डर 1019 रुपए में आ रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो छह लोगों का भोजन पकाने पर औसतन 30 से 35 रुपए की गैस खर्च होती है। जबकि इंडक्शन के जरिए यह खर्चा 12 से 18 रुपए तक ही आ रहा है।
-सरकार ने अब 50 से 500 यूनिट के स्लैब में छूट दी है। ऐसे में जिन परिवारों के पास बिजली के ज्यादा उपकरण नहीं हैं उनके लिए यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है।
डरना मना है: जून 2020 में 607 रुपए, मई 2022 में हजार पार
1 जून 2020: 607
1 जुलाई 2020: 610.50
2 दिसंबर 2020: 660.50
15 दिसंबर 2020: 710.50
4 फरवरी 2021: 735.50
15 फरवरी 2021: 785.50
25 फरवरी 2021: 810.50
1 मार्च 2021: 835.50
1 जुलाई 2021: 851
17 अगस्त 2021: 876
01 सितम्बर 2021: 901
06 अक्टूबर 2021: 916
22 मार्च 2022: 966
20 मई 2022: 1019 रुपए
1 जून 2020: 607
1 जुलाई 2020: 610.50
2 दिसंबर 2020: 660.50
15 दिसंबर 2020: 710.50
4 फरवरी 2021: 735.50
15 फरवरी 2021: 785.50
25 फरवरी 2021: 810.50
1 मार्च 2021: 835.50
1 जुलाई 2021: 851
17 अगस्त 2021: 876
01 सितम्बर 2021: 901
06 अक्टूबर 2021: 916
22 मार्च 2022: 966
20 मई 2022: 1019 रुपए