अब प्रदेश में शुरू होगा अभियान
दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा से जोडऩे के लिए अब प्रदेशभर में जल्द ही नामांकन अभियान शुरू होगा। इसके लिए विशेष शिक्षकों के साथ पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों की मैपिंग की जाएगी। अभियान समाप्त होने के बाद पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों से प्रमाण भी लिया जाएगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी विद्यार्थी नामांकन से वंचित नहीं है। यदि इसके बाद में दिव्यांग सामने आता है तो संबंधित पीईईओ के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
फैक्ट फाइल
संदर्भ केन्द्रों पर विशेष शिक्षक: 448
तृतीय श्रेणी : 1544
द्वितीय श्रेणी : 244
प्रदेश में कुल विशेष शिक्षक: 2204
प्रदेश में दिव्यांग विद्यार्थी: 1.17 लाख
कितनी श्रेणी के दिव्यांग: 21
इस छूट से कुल नामांकन की आस: 2.42 से अधिक
ऑनलाइन हुआ रेकार्ड तो सामने आई हकीकत
दिव्यांग विद्यार्थियों के पंजीयन का काम पहली बार ऑनलाइन हुआ है। पहले संदर्भ केन्द्रों के जरिए नामांकन का डेटा ऑफलाइन एकत्रित किया जा रहा था। पहली बार रेकार्ड ऑनलाइन होने पर आंकड़ों में गड़बड़ी नजर आई। इस पर मंत्री ने शिक्षा परिषद के अधिकारियों को दिव्यांग के प्रमाण पत्र की बाध्यता समाप्त करने के निर्देश दिए थे।
दिव्यांगों को शिक्षा का पूरा अधिकार: शिक्षा मंत्री
दिव्यांग बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं रहे, इसलिए पहली बार प्रवेश के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र की बाध्यता को समाप्त किया है। दिव्यांग शिक्षा से जुड़े सभी मामलों की समीक्षा के लिए 13 जुलाई को जयपुर में बैठक होगी। इसमें कई नवाचारों को लेकर फैसला करेंगे।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
1.25 लाख से ज्यादा परिवारों को फायदा
प्रमाण पत्र के अभाव में कई बच्चों को दाखिला नहीं मिल पा रहा था। इस कारण अभिभावक भी परेशान थे। सरकार के नए फैसले से प्रदेश के 1.25 लाख परिवारों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।
विपिन शर्मा, प्रदेश संयोजक, विशेष शिक्षक संघ