अस्पताल को सात लाख का नुकसान एसके अस्पताल में हर माह औसतन 1000 यूनिट रक्त एकत्र होता है।। स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से लगाए शिविर के कारण यह संख्या बढ़ जाती है। सात माह पहले कंपोनेंट शुरू होने के दौरान औसतन एक लाख रुपए का राजस्व अस्पताल को दिया गया था। लेकिन तकनीकी सहायक के नहीं होने से पिछले सात माह के दौरान प्लाजमा, एसडीपी और आरडीपी जैसे कंपोनेंट अलग नहीं हुए इससे अस्पताल प्रशासन को करीब सात लाख रुपए का नुकसान हुआ है साथ ही मरीजों को करीब 18 लाख रुपए ज्यादा देने पड़े
अब इन मरीजों को होगा फायदा
डेंगू सरीखी बीमारी में सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को सेंटर से मुफ्त में प्लेटलेट्स मिल सकेंगी। एनीमिया पीडि़त को आरबीसी लगाने पर बेहतर परिणाम मिलता है। बर्न और ब्लीडिंग वाले मरीज को प्लाजमा दिया जाता है। हीमोफिलिया के मरीज को खून का थक्का जमाने के लिए ग्रेनुलोसाइट कंसंट्रेट लगाया जाता है।