कोरोना मरीजों के होम क्वॉरंटीन रहने की स्थिति में उनकी निगरानी का जिम्मा इस महीने पुलिस विभाग को दिया गया है। गृह विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में बताया गया है कि पुलिस विभाग को रोजाना स्वास्थ्य विभाग की साइट से संबंधित इलाके के मरीजों की जानकारी लेनी होगी। इसके बाद बीट कांस्टेबल कोरोना मरीज की निगरानी करेंगे। यदि कोई पॉजिटिव मरीज घर पर नहीं मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकेंगे।
मोबाइल लोकेशन पर भी रहेगी नजर
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से क्वॉरंटीन ट्रैकिंग अलर्ट सिस्टम को और सक्रिय किया जाएगा। इसके तहत सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मोबाइल नंबर को लोकेशन के आधार पर रोजाना दो-तीन बार ट्रेस किया जाएगा। यदि किसी मरीज की लोकेशन में मूवमेंट नजर आता है तो तत्काल टीम कार्रवाई के लिए पहुंच जाएगी।
सम्पर्क वालों की 72 घंटे में करनी होगी पहचान
गृह विभाग की गाइडलाइन के हिसाब से अब कोरोना पॉजिटिव मरीज के सम्पर्क में आने वाले 80 फीसदी से अधिक लोगों की 72 घंटे में पहचान करनी होगी। वहीं प्रदेश के 13 जिलों में बनने वाले नए जोन की जानकारी भी चिकित्सा विभाग के साथ साइट पर साझा करनी होगी।
समितियों को करेंगे और सक्रिय
कोरोना मरीजों की निगरानी की व्यवस्था पहले से जारी है। इस बार पुलिस विभाग के बीट कांस्टेबलों को भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा नगर परिषद, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, राजस्व विभाग के कर्मचारी भी पहले की तरह निगरानी व्यवस्था की सख्ती से पालना करेंगे। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में बनी समितियों को और सक्रिय किया जाएगा।
अविचल चतुर्वेदी, जिला कलक्टर, सीकर