scriptअब खेती भी ‘ऑनलाइन’, जयपुर-सीकर के किसान सबसे हाईटेक | Now farming is also 'online', Jaipur-Sikar farmers are most high-tech | Patrika News

अब खेती भी ‘ऑनलाइन’, जयपुर-सीकर के किसान सबसे हाईटेक

locationसीकरPublished: Oct 27, 2020 05:47:56 pm

Submitted by:

Sachin

सीकर. अब कृषि विभाग की ओर से वाट्सएप पर प्रदेश के किसानों को कृषि योजनाओं, नवाचार और खेती से जुड़ी अन्य जानकारी दी जाएगी।

अब खेती भी 'ऑनलाइन', जयपुर-सीकर के किसान सबसे हाईटेक

अब खेती भी ‘ऑनलाइन’, जयपुर-सीकर के किसान सबसे हाईटेक

सीकर. अब कृषि विभाग की ओर से वाट्सएप पर प्रदेश के किसानों को कृषि योजनाओं, नवाचार और खेती से जुड़ी अन्य जानकारी दी जाएगी। इसके लिए लगभग पांच हजार वाट्सएप ग्रुप के जरिए 4.75 लाख से अधिक किसानों को जोड़ा गया है। आगामी एक महीने में एक लाख से अधिक किसानों को और जोडऩे की योजना है। फिलहाल इन वाट्सएप गु्रपों के संचालन का जिम्मा विभाग के कृषि पर्यवेक्षकों को दिया गया है। विभाग की ओर से कोरोनाकाल में किसानों की परेशानी को देखते हुए यह नवाचार किया है। कृषि विभाग की पिछले महीेने हुई बैठक में किसानों को हाईटेक बनाने को लेकर योजना तैयार की थी। इसमें कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किसानों को कोरोनाकाल में ऑनलाइन जानकारी देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से विभाग लगातार ई-कंटेंट बनाने में जुटा था। विभाग के कृषि पर्यवेक्षकों की ओर से 250 प्रगतिशील किसानों के वाट्सएप गु्रप बनाकर उनसे नवाचार को लेकर जानकारी जुटाई थी।


जयपुर के 53 व सीकर के 46 हजार किसान जुड़े
योजना के तहत अब तक प्रदेश में जयपुर जिले के सबसे ज्यादा किसान शामिल हुए हैं। जयपुर जिले के 53 हजार किसानों को 353 ग्रुप के जरिए जोड़ा जा चुका है। वहीं सीकर के 46 हजार 915, दौसा के 27 हजार 631, टोंक के 26 हजार 931, भरतपुर के 25 हजार 487, अलवर के 23 हजार 108, श्रीगंगानगर के 22 हजार 723, हनुमानगढ़ के 21 हजार 184, बीकानेर के 18 हजार 50, बूंदी के 16 हजार 881, अजमेर के 16 हजार 249 व झुंझुनूं जिले के 15 हजार 600 किसानों को जोड़ा गया है। जबकि प्रतापगढ़ जिले के 15 हजार 598, बांसवाड़ा के 10 हजार 500, डूंगरपुर में दस हजार 300 एवं उदयपुर के 9 हजार 206 काश्तकारों को व्हाट्स एप ग्रुप से जोड़ा गया है।


किसानों को यह मिलेगी जानकारी
कृषि विभाग की ओर से जारी पत्र में प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीना ने बताया कि कृषि पर्यवेक्षक किसानों की सफलता की कहानी, डॉक्यूमेंट्री, विभागीय योजनाओं की सूचनाएं एवं खेती से जुड़ी स्थानीय जानकारी व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से किसानों से साझा करेंगे। इससे प्रदेश के किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक से भी रूबरू कराया जाएगा।


फसलों को बीमारियों से बचाने के टिप्स
वाट्सएप गु्रप्स के जरिए कृषि अधिकारियों की ओर से फसलों में होने वाले रोग प्रकोप से बचाव के लिए दवा की जानकारी भी किसानों के साथ समय पर साझा की जा सकेगी। टिड्डी जैसे कीट प्रकोप, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखा, बीमा कंपनियों को फसल खराबे की सूचना देने व मुआवजा के नियम सहित अन्य जानकारी दी जएगी।

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