रीट में जाली आंकतालिका सामने आने के बाद शिक्षा निदेशालय का भर्ती प्रकोष्ठ पूरी तरह सतर्क हो गया है। सभी जिलों से जाली प्रमाण पत्र लगाने वाले अभ्यर्थियों की सूची मांगी गई है। सूत्रों की मानें तो ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ विभाग की ओर से पुलिस में शिकायत दी जा सकती है।
ऐसे पकड़ में आया घपला
दरअसल, हरियाणा के तीन अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करते समय ही रीट की अंकतालिका में नम्बर बढ़ा दिए। जबकि इन अभ्यर्थियों की रीट की अंकतालिका में नंबर कम थे। अंकतालिका में एडिटिंग का शक होने पर जांच दलों ने अभ्यर्थियों से मूल प्रमाण पत्र मांगे। इस पर तीनों अभ्यर्थियों ने मूल दस्तावेज देने से मना कर दिया। इससे जांच दलों का शक और बढ़ गया। जैसलमेर सहित अन्य तीन जिलों में भी इस तरह की शिकायत सामने आई है।
शिक्षक भर्तियों में ऐसे समझें फर्जीवाड़ा
केस एक: रीट 2018 में राजस्थान के 18 अभ्यर्थियों ने किया था फर्जीवाड़ा
रीट के जरिए वर्ष 2018 की शिक्षक भर्ती में करौली, सवाईमाधोपुर सहित अन्य जिलों के 18 अभ्यर्थियों ने जाली प्रमाण पत्र तैयार करवा लिए थे। ज्यादातर ने रीट के प्रमाण पत्रों के अंकों में हेराफेरी की। जांच में अंकतालिका जाली साबित होने पर पुलिस में शिकायत दी गई।
केस दो: व्याख्याता भर्ती में बीएड व एमए की अंकतालिका विवादों में
पिछले साल जारी हुए व्याख्याता भर्ती के परिणाम में भी फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। कई अभ्यर्थियों ने निजी विश्वविद्यालयों की बीएड व एमए की अंकतालिका के आधार पर आवेदन किया था। जांच में कई दूसरे राज्यों से जारी अंकतालिका जाली साबित हुई। हालांकि मामला अभी तक जांच में उलझा हुआ है।
केस तीन: रीट प्रमाण पत्र के साथ जाली खेल प्रमाण पत्र भी
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल प्रथम में अभ्यर्थियों का चयन रीट के अंकों के आधार पर हुआ है। इस बार भी रीट के जाली प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी हासिल करने का खेल जारी है। वहीं इस बार खेल कोटे की भर्ती में भी कई गुणा जाली प्रमाण पत्र की बात सामने आई है।