इसके बाद एमसीआई ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए है। इसमें बताया कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होने नीट की परीक्षा के लिए आवेदन ही नहीं किया वही छात्र बिना नीट के विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए छूट के लिए हकदार है। जिन्होने नीट में आवेदन किया था लेकिन फेल हो गए उनको इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं परीक्षा में आवेदन किया था लेकिन परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए उनको भी इस छूट का फायदा नहीं मिल सकेगा।
वहीं नीट पास अभ्यर्थियों के लिए पहले का आदेश यथावत लागू रहेगा। प्रदेश के सैकड़ों विद्यार्थियों को न्यायालय के इस निर्णय का इंतजार था। प्रदेश के भी ऐसे सैकड़ों विद्याथी है जिन्होने नीट परीक्षा में आवेदन ही नहीं किया। इस आदेश के बाद प्रदेश के विद्यार्थियों को भी राहत मिली है। एक्सपर्ट वेदप्रकाश वेनीवाल ने बताया कि इससे प्रदेश के सैकड़ों विद्यार्थियों का एक वर्ष खराब होने से बचेगा।
हर साल बढ़ रहा क्रेज
विदेश से एमबीबीएस का का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। राज्यों के साथ प्रदेश से विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में दस से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक्सपर्ट वेद प्रकाश बेनीवाल का कहना है कि एमसीआई के नीट लागू करने की अनिवार्यता की जानकारी नहीं थी। ऐसे में उनको अब एक वर्ष तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। डॉ. अनिल धायल ने बताया कि इससे छात्रों को एक साल का लाभ मिलेगा।
गलत सूचना पर कार्रवाई
नीट में शामिल नहीं होने की गलत सूचना देने वालों के खिलाफ एमसीआई की ओर से कार्रवाई की जाएगी। एमसीआई की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश में बताया कि गलत सूचना देकर विदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई में प्रवेश लेने वालों को अर्हता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। वहीं एमसीआई की ओर से कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।