जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने सेंट्रल एक्ट नंबर 2 ऑफ 1974 की धारा 273 में बदलाव कर दिया है। धारा 273 में प्रावधान था कि किसी भी अभियुक्त की कोर्ट में पेशी उसकी उपस्थिति से ही मानी जाएगी। नए प्रावधान के तहत अब किसी भी ऐसे सिस्टम से पेशी हो सकेगी, जिसमें आरोपित का वीडियो लाइव चलता रहे और आवाज भी आती रहे। इसमें कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम काम में लिया जा सकेगा।
जान को था खतरा तब स्काइप से करवाई पेशी
पिछले हफ्ते सीकर कोर्ट में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंश विश्नोई की पेशी होनी थी। सीकर पुलिस को इनपुट मिला कि लॉरेंश की जान को खतरा है और उस पर कहीं भी हमला हो सकता है। इस पर पुलिस ने स्काइप के जरिए ही उसकी पेशी करवा दी। जिससे लॉरेंश को सीकर तक लाना नहीं पड़ सका।
पिछले हफ्ते सीकर कोर्ट में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंश विश्नोई की पेशी होनी थी। सीकर पुलिस को इनपुट मिला कि लॉरेंश की जान को खतरा है और उस पर कहीं भी हमला हो सकता है। इस पर पुलिस ने स्काइप के जरिए ही उसकी पेशी करवा दी। जिससे लॉरेंश को सीकर तक लाना नहीं पड़ सका।
अन्य बंदियों पर भी लागू होगा आदेश
आम तौर पर हार्डकौर बदमाशों को कोर्ट में पेश करने में सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। इनके आगे पीछे पुलिस की एस्कॉर्ट लगती है। कई बार ऐसे बदमाशों पर या तो पेशी पर ले जाते वक्त हमले हो जाते हैं या ये फरार हो जाते हैं। यहां तक कि पुलिस को धमकी देने के मामले भी सामने आते हैं। पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका बदमाश आंनदपाल सिंह भी पेशी पर ले जाते वक्त ही फरार हुआ था। ये आदेश केवल हार्डकौर ही नहीं अन्य बंदियों पर लागू हो सकेंगे। पुलिस या प्रशासन चाहे जिस आरोपित की पेशी इस तरह से करवा सकेंगे।
आम तौर पर हार्डकौर बदमाशों को कोर्ट में पेश करने में सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। इनके आगे पीछे पुलिस की एस्कॉर्ट लगती है। कई बार ऐसे बदमाशों पर या तो पेशी पर ले जाते वक्त हमले हो जाते हैं या ये फरार हो जाते हैं। यहां तक कि पुलिस को धमकी देने के मामले भी सामने आते हैं। पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका बदमाश आंनदपाल सिंह भी पेशी पर ले जाते वक्त ही फरार हुआ था। ये आदेश केवल हार्डकौर ही नहीं अन्य बंदियों पर लागू हो सकेंगे। पुलिस या प्रशासन चाहे जिस आरोपित की पेशी इस तरह से करवा सकेंगे।
वीडियो कॉंफ्रेंसिग की नहीं थी व्यवस्था
इससे पहले या तो पेशी पर आरोपित को लाना पड़ता था या फिर विशेष परिस्थितियों में यह व्यवस्था थी कि वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेशी करवा दी जाए। ज्यादातर जेलों में वीसी की सुविधा ही नहीं थी। इस वजह से यह आदेश कारगर नहीं होता था।
इससे पहले या तो पेशी पर आरोपित को लाना पड़ता था या फिर विशेष परिस्थितियों में यह व्यवस्था थी कि वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेशी करवा दी जाए। ज्यादातर जेलों में वीसी की सुविधा ही नहीं थी। इस वजह से यह आदेश कारगर नहीं होता था।
लॉर्रेंस विश्नोई की हाल ही में स्काइप के जरिए कोर्ट में पेशी कराई गई थी। सरकार ने इस तरह का बदलाव एक्ट में कर दिया है। अब वाट्सअप से भी कोर्ट में पेशी हो सकेगी।
डॉ. तेजपाल सिंह, एएसपी, सीकर
डॉ. तेजपाल सिंह, एएसपी, सीकर