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मजाक बन गया गांवों का उत्थान,शिविर में नहीं अधिकारियों का ध्यान

locationसीकरPublished: Aug 20, 2019 06:22:18 pm

Submitted by:

Sachin

सीकर/ खंडेला.ग्रामीणों की समस्याओं के तत्काल समाधान और पट्टा जारी करने के दावों के बीच लग रहे महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर जिले में मजाक बन गए हैं।

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मजाक बन गया गांवों का उत्थान,शिविर में नहीं अधिकारियों का ध्यान

सीकर/ खंडेला.ग्रामीणों की समस्याओं के तत्काल समाधान और पट्टा जारी करने के दावों के बीच लग रहे महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर जिले में मजाक बन गए हैं। पत्रिका टीम ने सोमवार को खंडेला व धोद क्षेत्र के शिविरों की स्थिति देखी तो कदम कदम पर अव्यवस्था नजर आई। शिविरों को लेकर अभी राजस्व व पंचायतों के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं बनने के कारण व्यवस्था बेपटरी है।
पनिहारवास गांव में शिविर की सूचना पर ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जैसे ही शिविर शरू हुआ तो पलभर में उत्साह ठंडा पड़ गया। शिविर में विकास अधिकारी, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी व श्रम विभाग के अधिकारी दोपहर तक नही पहुंचे। शिविर में महज दो लोगों को बिना विकास अधिकारी की उपस्थिति के पट्टे वितरित किए गए।
शिविर में विकास अधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, गिरदावर व पटवारी, श्रम विभाग के अधिकारी, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी की उपस्थिति रहनी थी। पनिहरवास में आयोजित शिविर में पंचायत प्रसार अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारियों, तथा गिरदावर, पटवारी के भरोसे ही शिविर हुआ। शिविर में पंचायत प्रसार अधिकारी महावीर प्रसाद मीणा, बीरबल राम मीणा, ग्राम विकास अधिकारी नोरंगलाल, विजेन्द्र कुमार, लिपिक अजय कुमार, गिरदावर तुलसीरााम, पटवारी बाबूलाल यादव, सरपंच रामप्रताप गुर्जर मौजूद रहे।
ग्राम को दूसरी पंचायत में शामिल करने का विरोध
राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे पंचायत पूर्ण गठन कार्यक्रम के तहत सोमवार को गांव रूपनगर के ग्रामीणों ने पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया के नेतृत्व में जिला कलक्टर सीआर मीणा को समस्या बताई। ग्रामीणों का कहना है कि पहले हमारा गांव रूपनगर जो कि ग्राम पंचायत अठवास में था। जिसे ग्रामीणों के नही चाहने पर भी हमें हटाकर अब ग्राम पंचायत हिरना में शामिल किया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध है। ग्रामीणों ने कलक्टर से यथावत रखने की मांग की है।
हंगामे के बाद भैरूपुरा ग्राम पंचायत में बांटे पट्टे
सीकर. धोद इलाके की भैरूपुरा ग्राम पंचायत में शिविर के दौरान ग्रामीणों का गुस्सा फूट गया। ग्रामीणों ने अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि जब पट्टे ही नहीं बांटने है तो फिर इस तरह के शिविरों पर लाखों रुपए खर्च क्यो किए जा रहे है। खुद पंचायत समिति सदस्य कुलदीप रणवां ने अधिकारियों को जमकर आरोप लगाए। पंचायत समिति सदस्य कुलदीप ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से ग्रामीणों से शिविर में आवेदन ले लिए जा रहे हैं और अधिकारी आश्वासन देकर चले जाते हैं। पंचायत में करीब 150 पट्टे कि फाईल लंबित पड़ी है। इसके बाद
ग्रामीणों ने भी अधिकारियों को घेरना शुरू कर दिया।
ग्रामीण मौके पर ही पट्टे जारी करने की मांग को लेकर अड़ गए। बाद में अधिकारी सुखदेव सिंह मांवडिया ने ग्रामीणों को शांत कराया। इसके बाद भैरुपुरा के मोहिनी देवी, सुभाष फगेडिय़ा,देवी सिंह के नाम पट्टे जारी किए गए। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि शेष फाइलों की जांच कर 15 दिन के भीतर पट्टे जारी कर दिए जाएंगे।
इस मौके पर पंचायत समिति सदस्य रणवां, सुखदेव सिंह मांवडिया, सरपंच प्रतिनिधि देवी सिंह ने ग्रामीणों को पट्टे बांटे।

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