scriptकहीं फिर से न लगाना पड़ जाए किसानों के जख्मों पर मरहम, वजह ऐसी कि सोचने पर कर देगी मजबूर | onion farmer in sikar | Patrika News

कहीं फिर से न लगाना पड़ जाए किसानों के जख्मों पर मरहम, वजह ऐसी कि सोचने पर कर देगी मजबूर

locationकोलकाताPublished: May 14, 2017 11:26:00 am

Submitted by:

dinesh rathore

प्याज की खरीद को लेकर दिए जा रहे सरकारी आश्वासन किसानों के सपनों को धूमिल कर रहे हैं। पिछले सप्ताह में प्याज की सरकारी खरीद के लिए कृषि मंत्रालय व खरीद एजेंसी से भी बात करने का दावा किया गया और इस सप्ताह सोमवार को खरीद शुरू करने व भंडारण के लिए भवन और भंडार तलाशने का आश्वासन भी मिला।

प्याज की खरीद को लेकर दिए जा रहे सरकारी आश्वासन किसानों के सपनों को धूमिल कर रहे हैं। पिछले सप्ताह में प्याज की सरकारी खरीद के लिए कृषि मंत्रालय व खरीद एजेंसी से भी बात करने का दावा किया गया और इस सप्ताह सोमवार को खरीद शुरू करने व भंडारण के लिए भवन और भंडार तलाशने का आश्वासन भी मिला। हकीकत यह है प्याज की सरकारी खरीद को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। इसका नतीजा है कि एक ओर मुनाफाखोर प्याज का भंडारण कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर किसान को प्याज का लागत मूल्य नहीं मिल रहा है। इससे किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। किसानों को मजबूरी में औने-पौने दामों में अपनी मेहनत की कमाई बेचनी पड़ रही है। सीकर थोक मंडी में शनिवार को प्याज के भाव 110 से 220 रुपए मण के रहे।
Read:

Video : पत्रिका के टॉक शो में किसानों ने सरकार से मांगा इंसाफ

स्टॉकिस्टों का जोर

सीकर जिले में पथरीली मिट्टी वाले क्षेत्रों में अभी भी अच्छा प्याज होने से स्टॉकिस्ट इन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय हैं। सीकर के थोक व खुदरा व्यापारियोंकी मानें तो जिले के लोसल, मण्डा, गुरारा, गुहाला, उदयपुरवाटी, खाटूश्यामजी, पलसाना आदि इलाके में खेतों में प्याज का भरपूर स्टॉक है। हालांकि किसान के खेत में रखा होने से इसे व्यापारी का प्याज सिद्ध करना मुश्किल है। थोक मंडी में इस समय कुचामन, रानोली क्षेत्र का प्याज आ रहा है। किसान सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
Read:

अब प्रधानमंत्री मोदी खाएंगे सीकर का मीठा प्याज, आप भी जाएंगे चौंक जब पढ़ेंगे ये खबर 

30 फीसदी उपज शेष 

जिले में प्याज की 30 फीसदी उपज बची हुई है। थोक मंडी में प्याज का सीजन जुलाई माह तक ही चलता है। इस दौरान दूसरा नया प्याज नहीं आने से तेजी आती है। एेसे में थोक व्यापारियों अच्छी किस्म के प्याज को स्टॉक कर रहे हैं। वहीं किसान निम्न गुणवत्ता का प्याज भाव नहीं होने से जमींदोज कर रहे हैं। 
Read:

…तो सरकार ने 11 हजार किसानों को बना दिया कर्जदार, सबकुछ हो गया खत्म अब कैसे होंगे लाडो के हाथ पीळे

नहीं बढ़ रहा अनुदान…

प्याज की खेती करने में ज्यादा मेहनत लगती है। परंतु भाव नहीं मिलने पर मेहनत बेकार जाती है। मजूदरों को घर से देना रुपया पड़ रहा है। सरकार प्याज भंडारण पर अनुदान को नहीं बढ़ा रही है। साथ ही प्याज की किस्म पर शोध नहीं करवा रही है। 
बनवारीलाल नेहरा, किसान गुंगारा 

जल्द शुरू की जाए सरकारी खरीद

प्याज की उचित भण्डार की व्यवस्था करनी चाहिए। मई माह में प्याज की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई तो किसानों कोई फायदा नहीं होगा। 
मनोज कुमार, गांव सिहोट 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो