ऐसे भी आए जवाब
सर्वे में मूल अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति लोगों की जानकारी बहुत कम सामने आई। ज्यादातर लोगों ने शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक स्वतंत्रता व हड़ताल को मूल अधिकार बताए। जबकि कर्तव्यों के बारे मेंं देश की रक्षा व समाज सेवा जैसे कार्यों को गिनाया।
यों किया सर्वे
प्रदेश के 33 जिलों में हुए सर्वे में हर जिले से 20-20 लोगों से चर्चा की गई। इनमें 11 से 16 तथा 18 से 25 आयु वर्ग केअलावा पांच-पांच महिलाओं व बुजुर्गों को भी शामिल किया गया। लोगों का चयन रैंडम आधार पर किया गया।
युवा सचेत, महिलाएं व बुजुर्ग कम जागरूक
– 18 से 25 आयु वर्ग में 15 फीसदी युवाओं ने सभी मूल अधिकारों व 4 फीसदी ने सभी मूल कर्तव्य गिना दिए।
– 40 फीसदी युवा भी अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में कोई शब्द नहीं बोल पाए। बाकी ने जोड़- तोड़कर गिनाए।
– 11 से 16 आयु वर्ग में दो फीसदी को सभी व 40 फीसदी को दो से चार अधिकारों की जानकारी थी। जबकि मूल कर्तव्यों की जानकारी 20 फीसदी को ही आधी अधूरी थी।
– महिला वर्ग में 50 फीसदी ही मूल अधिकारों व मूल कर्तव्यों के बारे में कुछ बोल पाई। लेकिन, वे भी आधे अधूरे अधिकार व कर्तव्य ही बता पाई।
– बुजुर्गों में 30 फीसदी ही जोड़-तोड़कर मूल अधिकार व कर्तव्य गिनाते नजर आए।
– महिला व बुजुर्ग वर्ग में चार फीसदी ही मूल अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में पूरी समझ वाले सामने आए।