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15 करोड़ खर्च करने के बाद मिली महज एक ट्रेन

locationसीकरPublished: Oct 20, 2019 05:59:54 pm

Submitted by:

Gaurav

अमान परिवर्तन का करीब 15 सौ करोड़ प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद रेलवे ने सीकर-जयपुर ट्रेक पर महज उद्घाटन ट्रेन शुरू करने की घोषणा की है।

15 करोड़ खर्च करने के बाद मिली महज एक ट्रेन

15 करोड़ खर्च करने के बाद मिली महज एक ट्रेन

सीकर. शेखावाटी अंचल में अमान परिवर्तन का करीब 15 सौ करोड़ प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद रेलवे राजधानी के लिए महज एक रेल सेवा का संचालन शुरू करने जा रहा है। रेलवे सीकर-जयपुर ट्रेक पर महज उद्घाटन ट्रेन शुरू करने की घोषणा की है। 21 अक्टूबर को ट्रेक के शुरू होने की घोषणा के चलते रेलवे स्टेशनों पर भी तेयारियां शुरू हो गई है। डीआरएम डीआरएम मंजूषा जैन ने शनिवार को रेलवे स्टेशन का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्लेटफार्म, रेलवे ट्रेक, सिग्रल सिस्टम, टिकट घर सहित यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। डीआरएम ने अधिकारियों ने व्यवस्थाएं पुख्ता करने के निर्देश दिए। इस दौरान एडीआरएम आरएस मीणा, सीनियर डीओएम केके मीणा, चीफ इंजिनियर निर्माण विभाग, डिप्टी सीई, डीईएन, डीएसटीई सहित रेलवे के अनेक अधिकारी मौजूद रहे। रींगस एसएस एसएन पारीक ने बताया कि सोमवार को रींगस-जयपुर रेलवे ट्रेक का रेल मंत्री ऑनलाइन वीसी के जरिये उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह में सीकर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती, खण्डेला विधायक महादेव सिंह, रींगस पालिकाध्यक्ष हरीशंकर निठारवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
कभी 13 ट्रेन करती थी 26 फेरे
अमान परिवर्तन के बाद सीकर के रेल विकास की स्थिति कमजोर होती जा रही है। सीकर-जयपुर ट्रेक का कार्य पूरा होने के बाद भी सीकर-जयपुर ट्रेक पर महज एक रेल का संचालन शुरू करने की घोषणा की गई है। यह रेल भी सीकर से जयपुर तक महज सप्ताह में महज छह दिन चलेगी। रेल विकास संघर्ष समिति के संरक्षक बलबीर सिंह चौधरी का कहना है कि जयपुर से सीकर तक 13 ट्रेन 26 फेरे में चलती थी। जयपुर से बीकानेर, दिल्ली, लोहारू, गंगानगर, सवाईमाधोपुर के लिए सीधी ट्रेन थी, लेकिन अमान परिवर्तन के बाद रेल सुविधा में कमी आती गई।
20 ट्रेन के बने प्रस्ताव
सीकर-जयपुर, चूरू और लोहारू ट्रेक की ििस्थत पर नजर डाली जाए तो रेलवे लगातार इस ट्रेक पर रेल चलाने की तैयारी कर रहा है। रेलवे ने इस वर्ष में मुुंबई, बांद्रा, असम, जम्मू सहित 20 से अधिक ट्रेनों के प्रस्ताव तैयार किए।
इसके लिए मशक्कत भी की गई, लेकिन यहां के सांसद और राजनेताओं में सक्रियता की कमी के चलते किसी भी प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से स्वीकृति नहीं मिल पाई। इंदोर-बीकानेर, उदयपुर-बीकानेर ट्रेन भी रेलवे ने शुरू की, इन ट्रेनों को शुरू करवाने में हमारे राजनेताओं की कोई भूमिका सामने नहीं आई।
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