scriptपत्रिका अभियान का असर: खुली मीठे प्याज की मंडी, पहले ही दिन अच्छे भाव में बिके खासे प्याज | Open onion market, sold onion in good price on the first day | Patrika News

पत्रिका अभियान का असर: खुली मीठे प्याज की मंडी, पहले ही दिन अच्छे भाव में बिके खासे प्याज

locationसीकरPublished: Mar 04, 2021 01:25:49 pm

Submitted by:

Sachin

(Sikar Rashidpura Onion APMC Started) राजस्थान पत्रिका की मुहिम आखिरकार रंग लाई। देशभर में मीठे प्याज के लिए प्रसिद्ध रसीदपुरा इलाके में बरसों से अटकी प्याज मंडी (Rashidpura Pyaj Mandi) शुरू हो गई।

पत्रिका अभियान का असर: खुली मीठे प्याज की मंडी, पहले ही दिन अच्छे भाव में बिके खासे प्याज

पत्रिका अभियान का असर: खुली मीठे प्याज की मंडी, पहले ही दिन अच्छे भाव में बिके खासे प्याज

सीकर. राजस्थान पत्रिका की मुहिम (Rajasthan Patrika Campaign) आखिरकार रंग लाई। देशभर में मीठे प्याज के लिए प्रसिद्ध रसीदपुरा इलाके में बरसों से अटकी प्याज मंडी शुरू हो गई। पहले दिन 23 रुपये किलो तक के थोक भाव में तीन हजार से ज्यादा प्याज के कट्टों की बिक्री भी हुई। इससे पहले बुधवार सुबह बिना किसी औपचारिकता के किसान मंडी परिसर में पहुंचे और प्लेटफार्म पर प्याज की बोली लगाई। पहले ही दिन यहां प्याज के भाव सीकर मंडी से ज्यादा रहे तो किसानों सहित व्यापारियों के चेहरों पर जीत की खुशी झलकने लगी। बुधवार को रसीदपुरा मंडी में देर शाम तक प्याज की खरीद-बिक्री जारी रही। शाम तक मंडी में तीन हजार से ज्यादा प्याज के कट्टों की बिक्री हुई। मंडी में प्याज के भाव 17 से 23 रुपए प्रति किलो थोक में बोले गए। गौरतलब है कि जिले में प्याज की पैदावार के मामले में सीकर जिले के रसीदपुरा, मैलासी, सांवलोदा, भढाडर, आकवा, सांवलोदा गांव अव्वल हैं। मोटे अनुमान के तौर पर इन गांवों के किसान हर साल 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्याज पैदा करते हैं।


15 किलोमीटर के गांव होंगे लाभान्वित
जनप्रतिनिधियो की उपेक्षा के कारण पिछले 15 साल से रसीदपुरा में प्याज की मंडी के खुलने का इंतजार कर रहे थे। प्याज मंडी के शुरू होने से क्षेत्र के करीब 15 किलोमीटर के दायरे में फेले चार दर्जन से ज्यादा गांव और ढाणियों के करीब पचास हजार प्याज उत्पादक किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। क्षेत्र में फिलहाल महज 40 प्रतिशत प्याज की खुदाई हो सकी है। ऐसे में मंडी शुरू होने की खुशी यहां के किसानो सहित व्यापारियों के चेहरों पर साफ झलक रही है। रसीदपुरा मंडी में प्याज कारोबार होने से क्षेत्र के दर्जनों गांवों के पचास हजार से ज्यादा प्याज उत्पादक किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।


30 फीसदी तक भागीदारी

रसीदपुरा इलाके में कुल सीजन में 70 फीसदी से ज्यादा किसान केवल प्याज की खेती करते हैं। यही कारण है कि यहां होने वाले प्याज की जिले में होने वाले कुल उत्पादन में 30 फीसदी तक भागीदारी रहती है। करीब चार करोड की लागत से पांच बीघा में मंडी के शुरू होने से क्षेत्र में कारोबार की शक्ल ले चुकी प्याज की खेती करने वाले वाले किसानों को प्याज के भाव मिलने लगेंगे। परिवहन खर्च बचने से किसानों को सीजन के दौरान होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। साथ ही मंडी में व्यापारियों के आने से किसानों को प्रतिस्पर्धा के कारण अच्छे भाव भी मिलने लगेंगे।


यूं समझें फायदा
जिले में सर्दियों के प्याज की औसत बुवाई 18 हजार हेक्टेयर में होती है। जिसका औसत उत्पादन साढे चार लाख मीट्रिक टन तक रहता है। रसीदपुरा इलाके की आबोहवा अनुकूल रहने के कारण यहां के किसान सर्दियों का अगेता प्याज बोते हैं। खुदाई के बाद प्याज को बेचने के लिए उन्हें सीकर मंडी आना पड़ता है। इस कारण परिवहन के रूप में उन्हें कई बार परिवहन के रू प में औसतन 25 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। व्यापारियों की मांग है कि रसीदपुरा मंडी में साल भर कारोबार हो सके इसके लिए जल्द ही फल और सब्जी के कारोबार को शुरू किया जाए। जिससे व्यापारियों का रुझान बढ़े।


यह रही खींचतान

रसीदपुरा प्याज की विशिष्ट मंडी की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 2007 में की थी। इसके बाद से ही उत्तर भारत की सबसे बड़ी प्याज की विशिष्ट मंडी के लिए धोद और दांतारामगढ़ के जनप्रतिनिधियों में खींचतान रही। हालांकि मंडी के लिए जमीन नहीं मिलने पर सरकार ने रसीदपुरा में हाइवे फेसीलिटी सेंटर को चिन्हित किया। इसके बाद रसीदपुरा मंडी को फतेहपुर मंडी के अधीन किया बाद में इस मंडी को फिर सीकर मंडी के अधीन कर दिया।


इनका कहना है
यहां से सीकर जाने के लिए एक पिकअप को किराए के रूप में एक हजार रुपए देने पड़ते हैं। रसीदपुरा मंडी की अधिकांश गांवों से ज्यादा दूरी नहीं है इस कारण उन्हें अब केवल चार सौ से पांच सौ रुपए ही खर्च करने होंगे। इससे किसानों को फायदा होगा।

– मुकेश ढाका, थोक व्यापारी रसीदपुरा मंडी

रसीदपुरा में प्याज मंडी शुरू होने से खेतों से सीधी बिक्री होने वाले प्याज की बिक्री पर भी रोक लग जाएगी। जिससे नई मंडी का राजस्व बढेग़ा और मंडी का सुचारू संचालन किया जा सकेगा। क्षेत्र में प्याज के साथ सब्जी का उत्पादन भी होता है इसे देखते हुए मंडी प्रशासन के जरिए मुख्यालय को फल व सब्जी के कारोबार को शुरू करने की मांग की जाएगी।
– संदीप खीचड, थोक व्यापारी, रसीदपुरा मंडी


प्याज के सीजन को देखते हुए निदेशालय ने रसीदपुरा मंडी में प्याज की बोली प्लेटफार्म पर लगाने की इजाजत दे दी है। मंडी की शुरूआत होने से क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा। व्यापारियों की मांग के अनुसार रसीदपुरा में सालभर कारोबार चल सके इसके लिए फल व सब्जी के कारोबार की अनुमति का प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिससे सालभर कारोबार किया जा सके। मंडी में भूखंड के लिए 22 व्यापारियो ने पैसे जमा करवा दिए हैं। 14 दुकानों पर कारोबार शुरू हो गया। दस दुकानदारों को लाइसेंस मिल गया है।

– देवेन्द्र सिंह बारेठ, मंडी सचिव, सीकर कृषि उपज मंडी

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