ये जिले शामिल निगरानी के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री व चिकित्सा एंव स्वास्थ्य राज्य मंत्री का गृह जिला सीकर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, बाड़मेर, भरतपुरा, चित्तौडग़ढ़, चूरू, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जयपुर जालौर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सिरोही, गंगानगर, उदयपुर व अलवर शामिल है।
कसेगी नकेल जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनिया ने बताया कि जिले के 10 सीमावर्ती गांवों में लोगों को मुखबिर के तौर पर काम के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गांवों में चौपाल, जनसभा व लगने वाले जनकल्याण शिविरों में पीसीपीएनडीटी एक्ट, मुखबिर योजना व सजा के प्रावधानों की जानकारी देंगे। जिला आशा समन्वयक, बीएचएस, पीएचएस, आशा सहयोगिनी को दलालों पर शिकंजा कसने के लिए प्रेरित करेंगे और सूचना देने के लिए कहेंगे।
Read: राजस्थान के इन खिलाड़ियों का सपना हो गया चूर-चूर, इनका हाल ऐसा कि आप भी हो जाएंगे बेहाल पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के पिछले दो वर्षों के डाटा एनलिसिस करके पता लगाया जाएगाा कि गर्भपात कहां और किस कारण से हुए। कहीं इनका कारण भू्रण लिंग परीक्षण तो नहीं है। निजी टैक्सी व एंबुलेंस जो गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए सीमावर्ती राज्यों में लेकर जा रहे हैं। एेसे सभी वाहनों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
भू्रण लिंग परीक्षण कराने वाले दलालों व गर्भपात पर नजर रखेंगे मुखबिर एेसे हुआ खुलासा प्रदेश में पीसीपीएनडीटी सेल ने अभी तक प्रदेश और प्रदेश के बाहर 70 के करीब डिकोय ऑपरेशन को अंजाम दिया है। इन डिकोय ऑपरेशन में कई जगह सामने आया है कि दलाल गर्भवती महिला को राज्य के बाहर ले जाकर लिंग परीक्षण जांच करवा रहे हैं। इधर, मुखबिरों से मिली सूचना में भी यह बात साफ हो गई है कि सीमावर्ती गांवों में दलाल सक्रिय होकर गर्भवती महिलाओं को अपने निकटतम राज्य में ले जा रहे हैं। पकडे़ गए लोगों में सरकारी कंपाउंडर, नर्स व कई झोलाछाप डाक्टर शामिल हैं।