जल जमीन को बचाने के लिए करेंगे आंदोलन
गांव डाबला के वीरचक्र विजेता जयराम सिंह ने कहा कि ग्रामीणों ने मिलकर उपखंड अधिकारी को कलक्टर के नाम ज्ञापन दिया है कि तथ्यों पर गौर कर आदेश को वापस लेने के लिए कार्यवाही करे। साथ ही कलक्टर सहित उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर मांग कर रहे हैं कि आदेश को वापस लिया जाए अन्यथा गांव में आक्रोश हो जाएगा। गांव में वर्ष 2011 के अंदर जो आंदोलन हुआ था उससे भी ज्यादा आंदोलन ग्रामीण जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए करने को मजबूर होंगे। चाहे कुछ भी हो खनन माफियाओं को चारागाह का उपयोग बिल्कुल नहीं करने देंगे, क्योंकि अगर चारागाह का उपयोग खनन माफिया वहां करता है तो गांव के हजारों पशु वहां चरते हैं, उनके लिए चारे की समस्या हो जाएगी। साथ ही जो हैवी ब्लास्टिंग की जाएगी उससे पूरे गांव के अंदर कंपन होता है। गंगलेड़ा व मीणों का मोहल्लो में ऐसी स्थिति हो जाती है कि वहां पर ग्रामीण रहने लायक नहीं रहते हैं। ग्रामीण बार-बार उच्च अधिकारियों से निवेदन कर रहे है। अधिकारियों से ये ही निवेदन है कि गांव के लोगों की सयम की परीक्षा ना ले और जीतना जल्द हो सके गैर कानूनी आदेश को वापस ले।
वर्ष 2011 में प्रशासन को 11 दिन बाद ही वापस लेना पड़ा था आदेश
गौरतलब है कि 01 मई 2011 को खनन कारोबारियों ने राजनैतिक दबाव से तत्कालीन जिला कलक्टर धर्मेन्द्र भटनागर से चारागाह से रास्ते का सेट अपार्ट (आवंटन) करवा लिया था। गांव में भारी विरोध होने से आखिर प्रशासन को 11 मई 2011 को आदेश को विड्रोल करने पर मजबूर होना पड़ा था।
आदेश वापस लेने को सही ठहराया था
वीरचक्र विजेता जयराम सिंह डाबला ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय खण्ड पीठ जयपुर ने भी आदेश में भी तत्कालीन कलक्टर के रास्ता काटने के आदेश को विधि विरुद्ध व आदेश को वापस लेने को सही ठहराया था। इसलिए चारागाह भूमि में से वापस रास्ता सेट अपार्ट करने में माननीय उच्च न्यायालय जयपुर के आदेशों की भी खुली अवहेलना हुई है।
आबादी के लिए मांग रहे भूमि पर काटा रास्ता
चारागाह भूमि के खसरा नंबर 1808, 1816 व 1832 में से रास्ता सेट अपार्ट कर क्षतिपूर्ति करने के लिए प्रशासन ने भूमि खसरा नंबर 1740/2 रकबा 2.17 है। किस्म बंजर में से 0.82 हैक्टेयर किस्म बंजर को चारागाह घोषित किया गया है, जबकि पंचायत डाबला ने खसरा नंबर 1740/2 में पहले ही आबादी विस्तार के लिए प्रस्ताव पास कर 4 अक्टूबर 2021 को प्रशासन गांवों के संग अभियान में मांग रख चुके हैं।